सीजी क्रांति/खैरागढ़। विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। टिकट के दावेदार मैदान में उतर पड़े है और पार्टी के आलाकमान को खुश करने के लिए हर पैंतरा आजमा रहे है। सत्ता सरकार होने की वजह से कांग्रेस राजनीतिज्ञों का फेवरेट माना जा रहा है। लेकिन खुद को प्रमोट करने की होड़ पार्टी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। क्योंकि पार्टी के नेता अलग-अलग धड़ों में बटकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
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कांग्रेस में 50 से अधिक दावेदार
कांग्रेस में 50 से अधिक दावेदार सामने आए है। जिसमें से दर्जनभर कांग्रेसी नेता खुलकर मैदान में कूद पड़े है और एक प्रत्याशी की तरह ही प्रचार कर रहे हैं। कोई नेता भीड़ दिखाकर आलाकमान को अपनी ताकत दिखा रहे हैं और सरकार की उपब्धियों को जन-जन तक पहुंचकर पार्टी की नजर में आना चाह रहे हैं। इसके अलावा जातिवाद के समीकरण के आधार पर भी टिकट मांगा जा रहा है, जो पार्टी के लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाली है।
बढ़ी नेताओं की सक्रियता
विधानसभा उपचुनाव नजदीक है और कभी भी आदर्श आचार संहिता लागू हो सकता है। यहीं वजह है कि अचानक नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। खासकर टिकट की दावेदारी रखने वाले कांग्रेस-भाजपा के नेता आयोजनों-कार्यक्रमों में शिरकत करना शुरू कर दिया है। यहां खुद को विधायक प्रत्याशी के रूप में भी प्रोजेक्ट कर रहे हैं। साथ ही लोगों के साथ मेल जोल बढ़ा रहे हैं। ताकि चुनाव में टिकट मिले तो प्रचार-प्रसार में परेशानी न झेलनी पड़े।
टिकट के बाद बढ़ेगी गुटबाजी
कांग्रेस संगठन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। यह खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव के दौरान स्पष्ट रूप से सामने आया था। इस चुनाव में पार्टी दो से तीन गुट में बटकर काम कर रही थी। वही स्थानीय कांग्रेसियों ने बाहरी नेताओं की एंट्री पर भी सवाल उठाए थे। जिसे लेकर पार्टी के आला कमान खासा नाराज हुए थे। वही खुद प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी मंत्री को मोर्चा संभालना पड़ा था। टिकट वितरण के बाद चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले नेता गुटबाजी कर सकते है। जिससे पार्टी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।