सीजी क्रांति/खैरागढ़. छुईखदान की सीमा में टीले पर विराजित मां वैष्णो देवी के दरबार में धर्मयात्रा अपने 53 वें पड़ाव में पहुंचीं। टिकरीपारा में धर्मयात्रियों के स्वागत में 108 से अधिक दीप प्रज्वलित हुए। धर्मयात्रियों पर पुष्प वर्षा की गई। धर्मयात्रियों का स्वागत विक्रांत चंद्राकर,अर्जुन महोबिया अनिमेष महोबिया,नवीन चंद्राकर,शुभम् चंद्राकर,भीमू सोनी,डब्बू देवांगन,सुरेंद्र तिवारी,नवीन भारद्वाज,संतोष दूर्वे,पंकज विश्वकर्मा,राहुल विश्वकर्मा,संदीप यादव,छोटू कुंभकार, गौकरण कुंभकार,रोहित देवांगन सहित अन्य ने किया। छुईखदान में धर्मयात्रा का संपूर्ण संयोजन श्री जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव वैष्णव,संजीव दुबे,शरद श्रीवास्तव,विजय दुबे सहित अन्य कर रहे हैं।
धारा प्रवाह से जनसमुदाय रहा विस्मित
जिसके बाद सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। धारा प्रवाह सुंदरकांड के पाठ से धर्मप्रेमी जनसमुदाय विस्मित रहा । और उत्साह के साथ इसका हिस्सा बना। पाठ में नगर के वरिष्ठ जन हेमंत शर्मा प्रेमनारायण चंद्राकर,प्रदीप श्रीवास्तव,दिलीप वैष्णव,गजेंद्र ठाकरे,ज्ञान यादव सहित अन्य शामिल रहे।
संगठित होकर करनी होगी धर्मरक्षा
धर्म ध्वज वाहक भागवत शरण सिंह ने कहा कि हनुमान जी हर युग में अधर्म के विरुद्ध खड़े हुए और धर्म की रक्षा की है। आज कलियुग में भी के सशरीर इस धरती पर विराजमान हैं। जो हर पल प्राणी मात्र के साथ हैं। विधर्मी एक बार फिर धर्म पर खुलकर आघात कर रहे हैं। ऐसे में हमें संगठित होकर की धर्म की रक्षा करनी होगी। सत्य सनातन धर्म में सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। ख़ासकर धर्मांतरण के विरुद्ध हमें मुखर होना होगा।
भजनों ने बांधा समां
पाठ के बाद जारी भजनों को सुनने के लिए मंदिर की सीढ़ियों में लोग डटे रहे। ख्यातिनाम कलाकार विधा सिंह राठौर ने हनुमत भजनों के साथ देवी भजनों की भी प्रस्तूति दी। वहीं कलाकार राम भवसार ने भजनों से जनसमुदाय को भावविभोर कर दिया।