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25 बैंक अकाउंट, एक करोड का ट्रांजेक्शन और 11 लाख नगदी…लॉरेंस के पकड़े गए इन दो शूटरों का ऐसा था क्राइम रिकॉर्ड…

बिलासपुर/लुधियाना। लॉरेंस के एक इशारे पर किसी को भी मारने वाले गैंग के दो शूटरों को कल दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद आज लुधियाना कमिश्नर ने प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को अधिकृत जानकारी दी। लुधियाना कमिश्नर कौस्तुभ शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि छतीसगढ़ व बिहार पुलिस के सहयोग से दोनो आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। छतीसगढ़ के बिलासपुर में रहने वाले आरोपियों से 11 लाख रुपये से अधिक की रकम बरामद की गई है। वही कुछ देर पहले लुधियाना पुलिस ने बिहार के सारँग से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

जानिए पूरा मामला

दरअसल, गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या से चर्चित हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो शूटरों को कल दिल्ली सायबर सेल व लुधियाना पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया था। दोनो आरोपियों ने लुधियाना के एक व्यापारी को जान स मारने की धमकी देकर 10 लाख की सुपारी माँगी थी। व्यापारी की शिकायत पर जुर्म दर्ज कर पुलिस धमकी देने वालो की तलाश कर रही थी।

आरोपियों के छतीसगढ़ के बिलासपुर निवासी होने व यहां के खातों में ट्रांजेक्शन का इनपुट मिलने पर गुड़गाँव पुलिस ने पहले रायपुर एसएसपी प्रशान्त अग्रवाल से सम्पर्क किया। और खातों तथा कुछ नम्बर का डिटेल देकर जानकारी जुटाने को कहा। एसएसपी रायपुर प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर रायपुर क्राइम ब्रांच के निरीक्षक गौरव तिवारी ने संदिग्ध खातों व नम्बरो की जानकारी जुटाई। इनमे से कुछ खाते बिलासपुर से ऑपरेट होने की जानकारी मिलने पर इसको ट्रेस करवाने रायपुर पुलिस ने एसएसपी पारुल माथुर से सम्पर्क किया था।

चर्चित गैंगस्टर से जुड़ा मामला होने के चलते एसएसपी पारुल माथुर के द्वारा स्वयं मामले की मॉनिटरिंग करते हुए गोपनीय ढंग से जानकारी जुटाने के निर्देश बिलासपुर क्राइम ब्रांच प्रभारी हरविंदर सिंह को दी थी। हरविंदर सिंह व उनकी टीम ने जांच कर तीन संदिग्ध खातों की जानकारी जुटाई। और पूरी डिटेल लुधियाना पुलिस को उपलब्ध करवाई।जिसके बाद जानकारी के आधार पर बिलासपुर के दो आरोपियों की गिरफ्तारी की गई।

लुधियाना पुलिस कमिश्नर कौस्तुभ शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी देते हुए बताया कि मामले का मुख्य आरोपी बिहार के सारँग का रहने वाला राजा है। राजा की पहचान वही के रहने वाले शक्ति सिंह से थी। शक्ति सिंह पिछले दो वर्षों से अपने माँ बाप के साथ बिलासपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अभिषेक विहार मंगला में मकान नम्बर 1/49 में रहता था। इसी दौरान शक्ति सिंह ने बिलासपुर में शादी कर ली थी। उसकी जान पहचान एक वर्ष पहले दिनदयाल कालोनी मकान नम्बर एलआईजी 987 निवासी अफजल खान से हुई थी। दोनो अक्सर टेक्सटाइल्स के व्यवसाय के चलते बाहर जाते थे जिसके चलते दोनो की दोस्ती हुई थी। और शक्ति सिंह ने ही अफजल को गैंग में शामिल करवाया था।

बेरोजगारों को लालच देकर लेते थे उनसे मदद

मुख्य आरोपी राजा ने एक्सटॉर्शन से कमाए हुए पैसो के ट्रांजेक्शन करने के लिए एकाउंट खुलवाने की जिम्मेदारी शक्ति सिंह को दी थी। बिलासपुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शक्ति सिंह ने बेरोजगार युवको को एनजीओ व टेक्सटाइल्स के बिजनेस में नौकरी दिलवाने व एकाउंट में सेलरी देने का झांसा देकर बैंक में एकाउंट खुलवाया था। और उनका इस्तेमाल भयादोहन से प्राप्त रकम के निकासी के लिए करता था। एसे तीन एकाउंट को बिलासपुर पुलिस ने ट्रेस किया है। चूंकि खाता धारकों को झांसा देकर उनके खातों का इस्तेमाल किया गया अतः उनको भी केस में गवाह बनाया जाएगा।

एक अकाउंट खुलवाने का मिलता था 25 हजार

मुख्य आरोपी राजा ने एकाउंट खुलवाने की जवाबदारी शक्ति सिंह को दी थी। उसे एक अकाउंट खुलवाने के 25 हजार रुपये मिलते थे । लुधियाना पुलिस ने एसे 25 संदिग्ध खातों को चिन्हित किया है। इनमे से 5 खातो में एक करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है। विभिन्न खातों से 11 लाख 76 हजार भी पुलिस ने रिकवर किया है। साथ ही आरोपियों से घटना में प्रयुक्त तीन मोबाइल भी लुधियाना पुलिस ने जब्त किया है। लुधियाना पुलिस ने मुख्य आरोपी राजा को भी देर शाम बिहार के सारँग से गिरफ्तार कर लिया है। इस तरह से मामले से जुड़े तीनो आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है। लुधियाना पुलिस कमिश्नर कौस्तुभ शर्मा ने छतीसगढ़ व बिहार पुलिस के सहयोग से आरोपीयों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

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