सीजी क्रांति/खैरागढ़। सहायक शिक्षक से प्रपा पद मे पदोन्नति मामले मे एक महीने बाद भी ठोस निर्णय नही लेने से नाराज सहायक शिक्षको ने सोमवार शाम कलेक्टरोट का घेराव कर दिया। वे कलेक्टर से मुलाकात कर चर्चा उपरांत ज्ञापन सौंपना चाहते थे। लेकिन उनकी बात एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत ने सुनी। खासकर महिला शिक्षकों ने अपना दुखड़ा उन्हें सुनाया। सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले पहुॅचे सहायक शिक्षक इस बात से नाराज थे कि मामले मे एक महीने पहले आवेदन देने के बाद भी उनके भविष्य को लेकर ठोस निर्णय नही हुआ है जिसके चलते रिलीविंग और ज्वाइनिंग नही कर पा रहे है।
उनका कहना है कि सहायक शिक्षकों के पदोन्नति मामले मे 5 साल के नियम को शिथिल कर तीन साल किया गया जिसके बाद 24 साल बाद पहली बार पदोन्नति का अवसर मिला है, जिसके चलते केसीजी में 359 सहायक शिक्षक प्राथमिक प्रपा पद में पदोन्नत हुए है, डीईओ राजनांदगांव द्वारा 03 अक्टूबर को जारी आदेश के परिपालन मे दो दिनो के भीतर 270 ने पदोन्नत शाला में ज्वाइनिंग दे दी है, इस बीच अन्य संगठनों द्वारा दिव्यांग और महिला शिक्षको के पदांकन मे नियमो की अनदेखी का आरोप लगाकर लगातार सूची निरस्त करने की मांग की जा रही है।
90 फीसदी ने किया कार्यभार ग्रहण
नाराज शिक्षको ने कहा कि मामले मे 90 प्रतिशत पदोन्नत सहायक शिक्षको ने ज्वाइंनिंग दी है, कलेक्टर ने ज्वाइनिंग और रिलीविंग में 13 अक्टूबर की शाम से रोक लगाकर उचित निर्णय का आश्वासन दिया था लेकिन एक महीने बाद भी निर्णय नही हो पाया जिसके कारण पदोन्नत सहायक शिक्षक अधर मे लटके हुए है, आदेश मे पंद्रह दिनो के भीतर ज्वाइनिंग का निर्देश है जिसके चलते ज्यादातर से ज्वाइंनिंग दे दी है जबकि कुछ आदेश तामीली मे देरी के चलते ज्वाइन नही कर पाए थे इसी दौरान अन्य संगठन की शिकायत पर कलेक्टर ने रोक लगा दी है। नाराज सहायक शिक्षको को कहना है कि एक महीने होने को है मामले मे वाजिब निर्णय नही होने के कारण वो अजीब मानसिक स्थिति से गुजर रहे है।
पदोन्नति मामला गर्माया, प्रदेश संगठन भी आया सामने
नया जिले में शिक्षकों के पदोन्नति मामले में सहायक शिक्षक फेडरेशन का प्रदेश संगठन भी मैदान मे उतर गया है, प्रदेशाध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि पदोन्नति सूची किसी भी शर्त पर निरस्त नहीं किया जाना चाहिए। सूची में यदि महिला या दिव्यांग साथियों के साथ गलत हुआ है, तो उसमें संशोधन किया जाना चाहिए। इस मामले में प्रशासन को संवेदनशीलता के साथ जल्द ठोस निर्णय लेना चाहिए। वही छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्योहारे व पीआर झाड़े ने कहा कि पदोन्नति मामले में किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सूची में संशोधन ही एकमात्र और बेहतर विकल्प है। जहां खामियां है, वहॉ संशोधन किया जाना चाहिए। उनहोने कहा कि फेडरेशन की भी यही मांग है। इस दौरान छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश पदाधिकारी मिलन साहू, राजनांदगॉव जिलाध्यक्ष रमेश साहू, केसीजी जिलाध्यक्ष रामलाल साहू, खैरागढ़ ब्लाक अध्यक्ष दुर्गेश सोनी, छुईखदान ब्लाक अध्यक्ष कौशल श्रीवास्तव, अनुराग सिंह, दीगेश दीक्षित, भगवती प्रसाद सिंहा, प्रणय महोबे, विक्रम ठाकुर, संजू कंवर, हब्बू कंवर, पद्मा साहू, लुमेश्वरी साहू, महेश्वरी मरकाम सहित सैकड़ो की संख्या मे सहायक शिक्षक उपस्थित थे।
मंत्रालय से जारी हुआ आदेश
सहायक शिक्षक से प्रपा पद मे पदोन्नति और पदांकन मामले मे देर शाम विभाग के अवर सचिव ने आदेश जारी किया है जिसमे स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पदांकन से असंतुष्ट शिक्षक दस दिनो के भीतर डीईओ कार्यालय मे अभ्यावेदन पेश करेंगे जिसका निराकरण विधिवत काउंसिलिंग के माध्यम से सात दिनो के भीतर करने के बाद संचालक लोक शिक्षण को अवगत कराएंगे। उक्त आसदेश जारी होने से सहायक शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियो मे हर्ष का माहौल देखा जा रहा है। उनका कहना है कि फेडरेशन की जायज मांग पर शासन ने मुहर लगाई है।