सीजी क्रांति/कवर्धा। करीब 13 माह बाद कवर्धा एक बार फिर सामुदायिक लड़ाई में झुलस गया है। शनिवार को अख्तर नाम के युवक ने प्रकाश साहू समेत महिलाओं की पिटाई कर दी। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। कवर्धा में दुकानों के शटर गिर चुके हैं। कवर्धा में सन्नाटा पसरा है। शहर के हर चौक-चौराहों और सड़कों में पुलिस पहरेदारी कर रहे हैं। शहर में 2 सौ से अधिक अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस सतर्क है। किसी भी अप्रिय माहौल को नियंत्रण में रखने पुलिस ने तैयारी कर रखी है।
शनिवार को कांग्रेस कार्यालय के पास पार्टी कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठन व भाजपा समर्थित लोगों के बीच नारेबाजी हो गई है। क्षेत्र के विधायक मो. अकबर के खिलाफ नारेबाजी से कांग्रेसी भी उत्तेजित हो गए। दोनों गुट आमने-सामने हो गए थे लेकिन पुलिस ने माहौल को शांत कराया।
बता दें कि अक्टूबर माह में लोहारा चौक में भगवा ध्वज उतारने को लेकर विवाद हो गया था। जो बाद में सांप्रदायिक तनाव में तब्दील हो गया। पूरे प्रदेश में पहली बार इस तरह तनाव की स्थिति निर्मित हुई। जिसे नियंत्रित करने में शासन-प्रशासन के पसीने छूट गए थे। कवर्धा में लंबे समय तक कर्फ्यू के हालात थे। कारोबार पूरी तरह से बंद थे। लोग दैनिक आवश्यकताओं की चीजों के लिए तरस गए थे। काफी मशक्कत के बाद हालात काबू हुआ था।
पिछले बार के हालात को देखते हुए पुलिस व प्रशासन पूरी सर्तकता बरते हुए हैं। उच्च अधिकारी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। इधर हिंदू संगठनों ने कवर्धा में रोहिंग्या व बंग्लादेशी मुसलमानों को बसाए जाने का आरोप लगाकर पुलिस से वैरिफिकेशन की मांग कर रहे हैं। एक वर्ग का आरोप है कि जिले में बाहरी लोगों को बसाया जा रहा है। जिससे स्थानीय स्तर पर माहौल खराब हो रहा है।