सीजी क्रांति/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर में रेप पीड़िता की मां को यौन शोषण के केस में फंसाने के लिए 10 साल के बच्चे की मां ने अपने बेटे के यौन शोषण की झूठी कहानी रची। इस मामले में रेप पीड़ित की मां के जेल जाने के बाद मचे बवाल के बाद जांच में यह खुलासा हुआ। एएसपी की जांच रिपोर्ट आने के बाद एसपी संतोष कुमार सिंह ने केस खारिज करने के लिए कोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश किया है।
एएसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि पूरी जांच में पता चला कि दुष्कर्म पीड़िता युवती और उसकी मां को केस वापस लेने के लिए पहले आर्थिक प्रलोभन दिया गया। इसमें सफल नहीं हुए तो मानसिक दबाव बनाया जा रहा था और धमकी भी दी जा रही थी। आरोपी परिवार सभी तरह से असफल हो गए, तब उन्होंने दस साल के बच्चे के यौन शोषण होने की झूठी कहानी बनाई और दुष्कर्म पीड़िता की मां पर ही झूठा केस दर्ज करा दिया।
बीते माह रेप पीड़िता की मां के जेल भेजने के बाद जमकर बवाल शुरू हो गया था। विश्व हिंदू परिषद के साथ ही सामाजिक संगठनों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन छेड़ दिया था। उनका आरोप था कि पुलिस ने गलत तरीके से रेप पीड़िता की मां को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जब यह मामला गर्माया तो एसपी संतोष कुमार ने जांच के निर्देश दिए। और तत्कालीन थाने के प्रभारी कृष्णाकांत कांत सिंह को निलंबित कर दिय और एसडीओपी को सिद्धार्थ बघेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
एएसपी राहुल देव शर्मा की टीम ने केस की जांच पूरी कर ली है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। जांच में बताया गया है कि महिला ने अपने बच्चे के यौन शोषण होने की झूठी कहानी बनाई थी। ताकि, रेप केस में फंसे अपने भतीजे को समझौता के बाद जेल से बाहर लाया जा सके। महिला ने केस दर्ज कराने के लिए रतनपुर पुलिस को गुमराह भी किया है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी संतोष सिंह ने रेप पीड़िता की मां को दोष मुक्त कराने के लिए प्रकरण खारिज करने के लिए कोर्ट में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है, जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।