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स्वच्छता सर्वेक्षण: सफाई के मामले में खैरागढ़ नगर पालिका अव्वल, नगर में कैसे होती है सफाई ? कितना होता है खर्च ? जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर…..

नई दिल्ली में पुरस्कार लेते नगर पालिका के सीएमओ सूरज सिदार

सीजी क्रांति/खैरागढ़। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में 15 से 25 हजार आबादी वाले शहरों में नगर पालिका खैरागढ़ को स्वच्छता के मामले अव्वल घोषित किया गया है। इसके लिए नगर पालिका परिषद खैरागढ़ की ओर से सीएमओ सूरज सिदार ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कार प्राप्त किया। इंडियन स्वच्छता लीग की ओर से अलग-अलग कैटेगरी में यह पुरस्कार दिया गया है।
पालिका ने डोर टू डोर सफाई, ठोस कचरा निपटान, खुले में शौच मुक्त शहर, सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालय, संचार माध्यमों से स्वच्छता का प्रचार जैसे अन्य सफाई संबंधित क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है।
शहर को साफ करने के लिए पूरा सफाई अमला सुबह छह बजे से जूट जाता है। उच्च अधिकारी से लेकर विभागीय प्रभारी अधिकारी, सुपरावाईजर की मानीटरिंग और मैदानी स्तर पर ईमानदारी से काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के मेहनत का नतीजा है कि खैरागढ़ सफाई के मामले में टॉप लेवल तक पहुंच पाया है। आईए जानते हैं शहर की सफाई के लिए किस तरह सिस्टम काम कर रहा है।

कैसे होता है सफाई का काम!

नगर पालिका परिषद में 49 स्वच्छता दीदी सुबह डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करती है। वहीं सुबह छह बजे से ही 12 महिला सफाई कर्मचारी नगर के मुख्य मार्गों और बाजारों में झाड़ू लगाने का काम शुरू कर देती है। 8 सफाई कर्मचारी नाली सफाई के काम में जुट जाते हैं। 6 सफाई कर्मचारी 10 बजे के बाद नाली से उठाए गए कचरों को एकत्रित करते हैं। इन्हे चरणबद्ध तरीके से काम पर लगाया जाता है। इसके बाद रात के समय शहर के बाजार और अन्य सार्वजनिक जगहों की सफाई के लिए स्वच्छता कमांडो को काम पर लगाया जाता है।

शहर की सफाई में खप रहे हर साल 600 झाड़ू

शहर के विभिन्न मार्गों और बाजारों की सफाई में 600 झाड़ू खप रहे हैं। सफाई विभाग हर सप्ताह कर्मचारियों को झाड़ू आवंटित करती है। औसतन हर महीने लगभग 50 झाड़ू की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा ब्लीचिंग पॉवडर, एसिड, फिनाईल, फावड़ा समेत सफाई संबंधी अन्य आवश्यक सामग्री उपयोग में लाया जाता है।

सफाई कार्य में लगे वाहनों में हर महीने 60 हजार का डीजल

नगर की सफाई कार्य के लिए नगर पालिका के पास 8 वाहन उपलब्ध है। इनमें 4 ट्रैक्टर, 3 मैजिक और 1 जेसीबी है। इन वाहनों का उपयोग कचरा उठाने में किया जाता है। इन वाहनों में हर महीने औसतन 60 हजार रूपए का डीजल पर खर्च किया जाता है! वहीं इन वाहनों के मरम्मत के लिए अलग से राशि का प्रावधान है।

खैरागढ़ की सफाई व्यवस्था पर एक नजरः-
मानव संसाधनः-

0 घर-घर से कचरा संग्रहण- 49 स्वच्छता दीदी (-8 पुरूष)
0 सफाई कमांडो- 11 प्लेसमेंट कर्मचारी
0 नियमित सफाई कर्मचारी – 05 ( 0 4 पुरूष, 01 महिला)
0 प्लेसमेंट सफाई कर्मचारी – 17

तकनीकी संसाधनः-
0 हाथ रिक्शा- 19 नग
0 ई-रिक्शा- 10 नग
0 टाटा मैजिक- 03 नग
0 ट्रैक्टर- 04 नग
0 जेसीबी- 01 नग

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