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सुशासन दिवस में कुशासन का आरोप! विधायक, नेता प्रतिपक्ष और सांसद प्रतिनिधि को पूछा तक नहीं, सीएमओ कह रहे सत्ता का था दबाव !


सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। 25 दिसंबर को नगर पालिका की ओर से आयोजित सुशासन दिवस पर कुशासन का जबर्दस्त उदाहरण देखने को मिला! सीएमओ प्रमोद शुक्ला पर सत्ताधारी नेताओं के दबाव में आकर प्रोटोकाल का उल्ल्ंघन करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सोमवार को नाराजगी प्रकट करते हुए खूब नारेबाजी की। कार्यक्रम में विधायक यशोदा वर्मा, पालिका में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अजय जैन और सांसद संतोष पांडेय के पालिका प्रतिनिधि राकेश गुप्ता को आमंत्रित ही नहीं किया गया।

जबकि नगरीय निकाय में पंचायत राज के नेता जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को बतौर मुख्यअतिथि आमंत्रित किया गया था। वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय जैन का नाम भी कार्ड में नहीं लिखा गया। पूरे कार्ड में भाजपा के पूर्व पार्षद रामाधार रजक, विकेश गुप्ता, कमलेश कोठले और मंडल भाजपा अध्यक्ष विनय देवांगन को अतिथि बनाया गया। ,

इस कार्ड को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा की सरकार बनते ही खैरागढ़ में दबदबे की राजनीति शुरू हो गई है। वहीं प्रशासन तंत्र भी कटप्पा की भूमिका में आ चुका है। सोमवार को नगर पालिका के कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन हुआ।

इसे लेकर कांग्रेस नेताओं और पार्षद ने पालिका परिसर के सामने प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई। और सीएमओ प्रमोद शुक्ला को खूब खरी-खोटी सुनाई। भविष्य में इस तरह गलती दोहराए जाने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी दी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनराखन देवांगन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री होने के कारण हम अटल बिहारी जी का सम्मान करते हैं। लेकिन सीएमओ ने निर्वाचित विधायक यशोदा वर्मा की जगह जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को मुख्यअतिथि बनाकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।

आखिर किसके कहने पर सीएमओ ने पंचायती राज के नेता विक्रांत सिंह को पालिका के कार्यक्रम में मुख्यअतिथि बनाया है। यह जांच का विषय है। इस मामले की शिकायत हमने कलेक्टर गोपाल वर्मा से भी की है। पर उन्होंने इस विषय की जानकारी नहीं होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ दिए हैं। खैरागढ़ में सुशासन दिवस के दिन कुशासन का परिचय दिया गया है। इस मामले में नैतिकता के नाते सभी राजनीतिक दलों को विरोध में सामने आने की जरूरत है।

इधर भाजपा नेता राकेश गुप्ता और अजय जैन जो सांसद प्रतिनिधि और नेता प्रतिपक्ष हैं उनकी भी उपेक्षा की गई। जिससे नाराज दोनों नेताओं ने सीएमओ से मुलाकात कर आपत्ति जताते हुए आक्रोश प्रकट किया। दोनों नेताओं ने कहा कि सीएमओ आखिर किसके दबाव में आकर ऐसी लापरवाही कर रहा है। यह जांच का विषय है।

सुशासन दिवस पर जनप्रतिनिधियों का यह अपमान कर आखिकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जी राजनीतिक शुचिता को जबर्दस्त ठोस पहुंचाया गया है। सीएमओ ने सुशासन दिवस का अपमान कर खैरागढ़ की राजनीति इतिहास को कलंकित कर दिया है। उनका यह कृत्य बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।

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