सीजी क्रांति न्यूज/रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को भाजपा नेताओं ने कवर्धा से विधायक चुनाव लड़ाने की मांग की है। अभी वे राजनांदगांव से विधायक हैं। प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय शर्मा, कवर्धा जिला भाजपा अध्यक्ष अशोक साहू कोर कमेटी के सदस्यों ने जिला पर्यवेक्षक सरोज पांडेय को लिखित में ज्ञापन दिया है। उन्होंने लिखा है कि ‘‘डॉ. रमन सिंह को कवर्धा से प्रत्याशी बनाया जाए। नहीं तो डॉ. रमन सिंह जिस प्रत्याशी के लिए निर्णय लेंगे, उस पर हम सभी सहमत होंगे।’’
इधर राजनांदगांव जिला भाजपा ने भी डॉ. रमन सिंह का सिंगल नाम भेजा है! ऐसे में अब स्वयं मुख्यमंत्री कहां से चुनाव लड़ने के इच्छुक है और पार्टी उन्हें कहां से लड़ाएगी, इस पर सबकी नजर बनी हुई है। राजनांदगांव में जहां स्थानीय और बाहरी का मुद्दा गर्माने लगा है। वहीं डॉ. रमन सिंह को कवर्धा के स्थानीय नेता अब अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं।
कवर्धा से अभी कांग्रेस के मो. अकबर विधायक है। अकबर प्रदेश में सर्वाधिक मतों से विजय होने वाले विधायक है। पिछले वर्ष यहां सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने के बाद भी अकबर की लोकप्रियता पर खास प्रभाव नहीं पड़ा है। ऐसा कांग्रेस का मानना है। वहीं भाजपा उस तनावपूर्ण माहौल में अपने लिए संभावना ढूंढ रहा है। डॉ. रमन सिंह के अलावा कवर्धा से प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय शर्मा व सांसद संतोष पांडेय के नाम की भी चर्चा है।
डॉ. रमन सिंह पिछले 15 वर्षों से राजनांदगांव विधानसभा की सीट पर काबिज हैं और इससे पहले वो डोंगरगांव की सीट पर विधायक रह चुके हैं। दो दशक से रमन सिंह राजनांदगांव जिले में विधायक हैं। राजनांदगांव शहर में 15 वर्षों में बहुत से नेताओं ने संगठन को अपना सर्वस्व दिया और जी तोड़ मेहनत पार्टी के लिए की।
सिर्फ इसलिए कि शायद भविष्य में उन्हें इसका उचित प्रतिफल मिल सके। लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के लिए फिर से डॉ. रमन सिंह का नाम सामने आ जाने से अब उन नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है जो लोग टिकट की आस लगाए बैठे थे। अब यदि डाक्टर साहब जीतते हैं तो फिर भाजपा की एक पीढ़ी मेहनत करने के बाद समाप्त हो जायेगी।
पार्टी के लोगों ने प्रेम व दबाव के वशीभूत हो कर डाक्टर रमन सिंह का नाम आगे कर दिया होगा लेकिन डाक्टर साहब को बड़ा दिल कर के और भी लोगों का नाम पैनल में शामिल करवाना था भले ही फिर पार्टी आलाकमान जो फैसला ले। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और राजनितिक लाभ के चलते कई ऐसे नेताओं को उन्होंने किनारे कर दिया जो सिर्फ दावेदारी के ज़रिये ही सही लेकिन पार्टी के ऊपरी लाइन तक अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकते थे। डॉ. रमन सिंह लोकप्रिय नेता है तो वे अपने गृह जिला कवर्धा या प्रदेश के किसी अन्य सीट से लड़ सकते हैं लेकिन डा. रमन सिंह के लिए राजनांदगांव क्षेत्र को सहूलियत भरा माना जा रहा है।