15 वां वित्त : छुईखदान के ग्राम पंचायतों में बुनियादी कार्य अटके, मनरेगा के कामों का भुगतान भी नहीं हो रहा

सीजी क्रांति न्यूज/ छुईखदान। छुईखदान विकासखंड के 107 ग्राम पंचायतों में सरपंचों को इन दिनों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासन की ओर से ग्राम पंचायतों के खातों में 15 वें वित्त की दो किस्तों की राशि नहीं भेजी गई है। जिसकी वजह से गांवों में बुनियादी सुविधाओं यानी जनपयोगी छोटे—छोटे निर्माण कार्य अटके पड़े हैं। वहीं मनरेगा के तहत हुए कामों का भुगतान भी नहीं हो रहा है।

पंचायतों को गांवों में मूलभूत और विकास के कार्य कराने के लिए वित्त आयोग राशि जारी करती है जो सीधे पंचायत के खाते में जमा होता है। इसे पंचायत ग्राम पंचायत के अनुमोदन से ग्रामीणों को सुविधाएं देने और विकास कार्य के लिए खर्च करती है।
पंचायती राज अधिनियम में भले ही ग्राम पंचायतों को वित्त और प्रशासन के मामले में अधिकार संपन्न होने की बात कही गई है, लेकिन वास्तव में सरपंच उधार के भरोसे पंचायत को संचालित कर रहे हैं!

जिले में पंचायतों के पास बजट के अभाव में कई विकास कार्य नहीं हो पा रहे थे। इसके लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली 15वें वित्त आयोग की अनुदान राशि का इंतजार हो रहा है। पंचायत राज संचालनालय द्वारा पंचायतों द्वारा तैयार जीपीडीपी (ग्राम पंचायत विकास योजना) भेजने के आधार पर केंद्र सरकार यह राशि जारी करती है।

बता दें कि इस राशि से ही ग्राम पंचायत पेयजल व स्वच्छता पर खर्च किया जाता है। इसमें पेयजल के लिए तालाब निर्माण व मरम्मत, नवीन कूप निर्माण, वाटर हारर्वेंस्टिंग, सोख्ता गड्डा, पेयजल कूप गहरीकरण व मरम्मत, पेयजल के लिए भू-स्तर टंकी का निर्माण, पेयजल पाइप लाइन का विस्तार, घाट की पुताई, साफ-सफाई, कचरा संग्रहण केंद्र स्थापित, चेक डेम का सुधार गांव में आबादी क्षेत्र को जोड़ने के लिए सीसी रोड, नाली, यात्री प्रतिक्षालय, पेयजल व्यवस्था, पुलिया, रपटा, पुस्तकालय भवन, कांजी हाउस, स्ट्रीट लाइट के लिए एलइडी, बाउंड्रीवाल का निर्माण-सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, शमशान निर्माण एवं मरम्मत कार्य किए जाते हैं। लिहाजा राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण गांवों में जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सोमवार को इसकी शिकायत छुईखदान सरपंच संघ ने कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखी। सरपंच संघ के अध्यक्ष टीकमराम साहू ने बताया कि 15 वें वित्त की दो किस्तें रोक दी गई है। राशि नहीं आने की वजह से गांवों में नाली निर्माण, नाली मरम्मत, सफाई, पेयजल जैसे छोटे—छोटे किंतु जनता की बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए निर्माण कार्य नहीं हो पा रहे हैं। यही नहीं मनरेगा के तहत गांवों में जो काम हुए हैं, उसके भुगतान भी लंबित है। दुकानदार सरपंचों पर भुगतान का दबाव बना रहे हैं। जिसकी वजह से ब्लाक के सरपंच अनावश्यक रूप से परेशान है। सरपंचों ने कलेक्टर श्री वर्मा से जल्द 15 वें वित्त की राशि ग्राम पंचायतों के खातों में भेजने का अनुरोध किया है।

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