जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर में बोरवेल में गिरे 10 साल के राहुल को बचाने के लिए 17 घंटे से रेस्क्यू अभियान जारी है। बोरवेल के ठीक बगल में 50 फीट से ज्यादा की खुदाई हो गई है। पाइप के माध्यम से राहुल को ऑक्सीजन दी जा रही है। बोरवेल से राहुल की आवाज और उसकी हलचल पूरी तरह सुनाई और दिखाई दे रही है। शुक्रवार दोपहर 2 बजे के आस-पास वह बोरवेल में गिरा था। जिसके बाद से वह वहीं फंसा हुआ है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए निर्देश दिए हैं। प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है और प्रयास कर रही है कि जल्द ही राहुल को निकाल लिया जाए। प्रशासन ने कहा है कि 65 फीट की खुदाई की जाएगी। इसके बाद टनल बनाने का काम शुरू किया जाए। अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चे को निकालने में अभी कम से कम से 6 से 7 घंटे का वक्त और लग सकता है। प्रशासन ने शुक्रवार शाम 5 बचे से ये रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। पिछले 17 घंटे से यह जारी है।
NDRF का कहना है कि पहले 65 फीट गड्ढा कर रहे हैं। इसके बाद टनल को बनाया जाएगा। उसे हाथ से खोदा जाएगा। एनडीआरएफ की स्पेशल टीम टनल बनाने का काम शुरू करेगी। पहले बताया गया था कि 4 घंटे में काम हो सकता है। मगर अब कहा जा रहा है कि 6 से 7 घंटे अभी और वक्त लगेगा। प्रशासन ने कुछ समय पहले रस्सी के सहारे बच्चे को निकालने का भी प्रयास किया था, लेकिन वह सफल नहीं रहे।
प्रशासन ने कहा है कि समय इसलिए भी ज्यादा लगा रहा है कि गड्ढे में केसिंग पाइप नहीं डला है। इस वजह से हम गड्ढे को दूर से खोद रहे हैं। यदि पास से खोदेंगे तो वाइब्रेशन से मिट्टी धसक सकती है और बच्चे को खतरा हो सकता है।
जानकारी के अनुसार, बच्चे ने रात को 1 बजे के आस-पास मूवमेंट करना बंद कर दिया था। जिसने प्रशासन को चिंता में डाल दिया था। सुबह 5 बजे के आस-पास मूवमेंट होने लगा, जिसके बाद सभी ने थोड़ी राहत की सांस ली। लोगों ने बताया कि राहुल के पिता लाला साहू ने घर की बाड़ी में बोर खुदवाया था। वह बोर फेल हो गया था। इसके बाद बिना केसिंग डाले ही बोर को खुला छोड़ दिया गया। जिसमें राहुल खेलते-खेलते गिर गया। यह भी पता चला है कि लाला साहू ने घर की बाड़ी में दूसरा बोर भी खुदवाया था।
मां-बाप का बड़ा बेटा है राहुल
हादसे के बाद से ही राहुल की मां और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई यह उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्दी से राहुल को बाहर निकाल लिया जाए। पूरे गांव के लोग भी रात भर उसी जगह पर टिके रहे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन दुकान है।
कटक और बिलासपुर से NDRF की टीम मौके पर है। कोरबा,रायगढ़ से भी मशीने देर रात पहुंच गई थीं। आसपास के एरिया में बैरिकेडिंग की है। रात को पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों और एम्बुलेंस की टीम को तैनात किया गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर अतिरिक्त तौर पर रखा गया है। CCTV से कलेक्टर सहित अधिकारी नजर रखे हुए हैं। रात में बच्चे को खाने के लिए केला, फ्रूटी सहित अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई थी।
पिहारिद गांव का राहुल साहू (10) पिता लाला साहू रोज की तरह शुक्रवार दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। पता चला है कि उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा लगभग 50 फीट गहराई में फंसा है। मौके पर आस-पास के लोग मौजूद हैं।
ये भी बताया गया है कि बच्चा मानसिक रूप से कमजोर था। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। इधर, खबर लगने के बाद से परिजन और आस-पास के लोग प्रार्थना कर रहे हैं कि राहुल को जल्द निकाल लिया जाए।