राहुल की निःशक्तता बनी बड़ी चुनौती…सख्त चट्टानों के कारण खुदाई का काम भी कठिन, रोबेट विशेषज्ञ की टीम के शाम तक पहुंचने की उम्मीद

फाइल फोटो

रायपुर। जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा विकासखंड के ग्राम पिहरीद में बोरवेल में गिरे बच्चे राहुल साहू के बचाव-कार्य में बचाव-दलों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 11 वर्षीय यह बालक मूक-बधिर होने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी पूरी तरह सक्षम नहीं है।

बचाव-दलों द्वारा रस्सी के साहरे दिए जा रहे फल और आहार को तो राहुल पकड़ लेता है, लेकिन बचाव के लिए भेजी जा रही मोटी रस्सी को वह छोड़ देता है। बचाव-दल बच्चे के परिजनों और परिचितों के माध्यम से लगातार बच्चे से संपर्क बनाए हुए हैं।

बोरवेल में 65 फीट की गहराई में फंसे राहुल को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और प्रशासन की टीमें लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री भूपेश रातभर लगातार अपडेट लेते रहे। उन्होंने आज सबेरे अपने निवास कार्यालय से राहुल के परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की और उन्हें राहुल को बचा लेने का भरोसा दिलाया। चुनौतियों को देखते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने बचाव कार्य में रोबेट की मदद लेने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं।

सूरत के रोबेट विशेषज्ञ महेश अहीर से राज्य के अधिकारियों ने संपर्क किया है। उनकी टीम के शाम तक पिहरीद पहुंचने की उम्मीद है। बचाव दलों के मुताबिक बोरवेल निकट की जा रही खुदाई के दौरान सख्त पत्थरों के कारण कठिनाई हो रही है। मुख्यमंत्री ने जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर और एसपी को राहुल साहू के रेस्क्यू के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि प्रयासों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

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