सीजी क्रांति/खैरागढ़। खैरागढ़ में आयोजित जिला स्तरीय राज्योत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बुनियादी गलतियां होने के कारण सत्ता पक्ष के ही कांग्रेस नेता नाखुश है। राज्योत्सव के लिए छपे आमंत्रण पत्र तक में खामियां उजागर होने से आम जनता से लेकर राजनीतिक गलियारे में प्रशासन को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। आमंत्रण पत्र में विधायक यशोदा वर्मा को मुख्यअतिथि और सांसद संतोष पांडेय व कैबिनेट दर्जा प्राप्त भूनेश्वर शोभाराम बघेल को विशिष्ट अतिथि की श्रेणी में रखा गया है। जो सीधे तौर पर प्रोटोकाल का उल्लंघन माना जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों में भी असजता की स्थिति है।
अफसरों का कहना है कि मुख्यअतिथि के लिए राज्य शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त हुआ था। अफसरों का यह तर्क अपनी जगह ठीक हो सकती है लेकिन सांसद संतोष पाण्डेय को पूछे बगैर उन्हें विशिष्ट अतिथि बनाए जाने को लेकर भी भाजपा नेताओं में आक्रोश है। यही नहीं जिला प्रशासन के कार्यक्रम में कांग्रेस संगठन के नेताओं को जनप्रतिनिधि व समाजसेवी बनाकर आमंत्रित किए जाने पर भी जिला प्रशासन की जबर्दस्त किरकिरी हो रही है।
कपिनाथ महोबिया ने कहा- सरकार की छवि धूमिल हो रही, मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री से करेंगे शिकायत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक प्रतिनिधि कपिनाथ महोबिया ने आमंत्रण पत्र न मिलने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस के नेता ही नहीं शहर के कई गणमान्य नागरिकों तक विधिवत आमंत्रण न पहुंचना खेदजनक व दुखद है। श्री महोबिया ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सीएम भुपेश बघेल ने नागरिकों की मांग पर जिले की सौगात दी। आमंत्रण पत्र में त्रुटि के कारण दो बार कार्ड छापना प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही और अनुभवहीनता को दर्शाता है। शहर एवं आसपास के वरिष्ठ नागरिक व जनप्रतिनिधि को भी आमंत्रण कॉर्ड नही मिला है। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकार की छवि धूमिल हो रही हैं। प्रशासनिक अफसरों की इस लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व प्रभारी मंत्री से भी शिकायत की जाएगी।
प्रचार-प्रसार में कमी, राज्योत्सव में शहरी नागरिक ही पहुंच
एकदिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम में शहरी लोगों की अत्यधिक भीड़ रही। जबकि प्रचार-प्रसार के अभाव में ग्रामीणों की संख्या काफी कम रही। खैरागढ़ के आसपास के ग्रामीण ही पहुंचे। इसकी वजह से कार्यक्रम का स्वरूप जिला स्तरीय नहीं हो सका।