राज्योत्सव के बाद फतेह मैदान फिर रो पड़ा , पंडाल के गढ्ढे, मुरूम का ढेर, 15 लाख का प्रवेश द्वार, दरवाजा के लिए और इंतजार

15 लाख का प्रवेश द्वार, दरवाजा के लिए करना होगा और इंतजार

सीजी क्रांति/खैरागढ़। राज्योत्सव के आयोजन के बाद एक बार फिर फतेह सिंह खेल मैदान अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। 7 साल तक अधूरा फतेह मैदान का प्रवेश द्वारा सीएम के स्वागत के लिए पूर्ण किया गया। अब यहा गेट कब बनेगा, इसका जवाब जवाबदारों के पास भी नहीं है। राज्योत्सव होने के बाद मैदान में मुरूम का ढेर पड़ा है। पंडाल लगाने के लिए जो गढ्ढे खोदे गए, उन्हें भरा नहीं गया है। साज-सज्जा के लिए उपयोग किए घास-फूस बिखरे पड़े हैं। कागज, पॉलीथिन, रैपर समेत अन्य खाने-पीने के झूठे सामान नगर पालिका ने समेट लिया है। लेकिन आयोजन के बाद मैदान की बदहाली को दुरूस्त करने के प्रयास नहीं हुए। जिला उद्घाटन और पिछले दिनों आदिवासी आंदोलन के दौरान वाहनों के चक्कों से मैदान में टायरों के निशान आज भी हैं। उसे समतल करने के लिए रोलर चलाने या अन्य किसी भी तरह का उपक्रम नहीं किया गया। पटाखा दुकान की नीलामी में नगर पालिका ने करीब 6 लाख रूपए कमाएं। इस रकम का यदि 5 प्रतिशत भी मैदान पर खर्च कर दिया गया तो मैदान की स्थिति काफी हद तक सुधर सकती है।

मैदान की दुर्दशा के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों दोषी
खैरागढ़ के एकमात्र फतेह मैदान की बदहाली का यह रोना पहली बार नहीं है। इससे पहले भी खेल से जुड़़े लोग आवाज उठा चुके हैं। पर उनकी आवाज को बुलंद करने नगर के किसी नेता ने सहयोग नहीं किया। इनमें भाजपा-कांग्रेस दोनों के लोग शामिल है। भाजपा के राज में फतेह मैदान को बर्बाद किया गया। विकास के नाम पर कॉमर्शियल कांपलेक्स ताने गए। उनकी नीलामी कर राजस्व भी बढ़ाया गया। मैदान उन्नयीकरण के नाम पर काली मिट्टी डालकर खेल मैदान का नाश कर दिया गया। कांग्रेस ने पुराने कार्यकाल की गलतियां सुधारने की बजाय आंख-मूंह दोनों बंद किए हुए हैं।

फतेह मैदान व खिलाड़ियों की जरूरत पर एक नजर
0 फतेह मैदान के प्रवेश द्वार पर दरवाजा लगाया जाए, ताकि मैदान में वाहनों का प्रवेश रूक सके।
0 मैदान से काली मिट्टी हटाकर उसे नियमानुसार ईंट, कोयाला, कछार मिट्टी समेत अन्य तय मापदंडों का पालन करते हुए दोबारा खेल मैदान को उसके मूल स्वरूप में लौटाया जाए।
0 मैदान में पेयजल के लिए सालों पहले बोरिंग की व्यवस्था थी, जहां अब कांपलेक्स बन चुका है। लिहाजा मैदान में अनुकूल जगह पर पेयजल के लिए बोरवेल की व्यवस्था हो।
0 मैदान की तय समय पर साफ-सफाई की व्यवस्था हो। साथ ही मैदान में मल-मूत्र त्यागने के लिए बनाए गए प्रसाधन कक्ष का रेनोवेशन व रेगुलर मेंटनेंस हो।
0 मैदान के एक छोटे से हिस्से में ओपन जिम की व्यवस्था हो ताकि खिलाड़ियों एवं मार्निंग एवं इवनिंग वॉक करने वालों के लिए वार्मअप व व्यायाम की आसान सुविधा मिल सके।

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