राजनीतिक नफे के लिए खैरागढ़ के साथ जोड़ा गया छुईखदान-गंडई, अब जिला अस्पताल और सरकारी विभागों के बंटवारे के लिए छिड़ा संग्राम

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सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। खैरागढ़ को जिला बनाने लंबे समय से स्थानीय लोगों ने संघर्ष किया। बाद में इस आंदोलन से छुईखदान-गंडई के लोगों ने भी सहयोग किया। पूर्व विधायक देवव्रत सिंह की मौत के बाद हुए उपचुनाव में कमजोर स्थिति का आंकलन करते हुए कांग्रेस ने कई बड़ी घोषणाएं की। इसमें सबसे बड़ी घोषणा जिला निर्माण का रहा। लेकिन यहां राजनीतिक नफे के लिए कांग्रेस ने खैरागढ़ के साथ छुईखदान और गंडई का भी नाम जोड़ दिया। हालांकि यह प्रयोग प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी किया गया। ताकि सभी क्षेत्रों के लोगों को अधिक से अधिक संख्या में प्रभावित किया जा सके।

अब हाल ही में जिला जनसंपर्क विभाग ने खैरागढ़ के केंद्रीय विद्यालय के पास जिला अस्पताल बनाने स्थल चयन संबंधी प्रेस नोट जारी किया और कुछ ही देर बाद उसे डिलीट कर दिया गया। इसके बाद अब छुईखदान में जिला अस्पताल व कोर्ट समेत अन्य शासकीय विभागों के बंटवारे की मांग पर संग्राम शुरू हो गया है। छुईखदान निवासियों का कहना है कि खैरागढ़ के साथ छुईखदान और गंडई संयुक्त रूप से जिला बना है तो फिर सारे विभाग खैरागढ़ को ही क्यों दिया जा रहा है। विभागों का बंटवारा सामान रूप से होना चाहिए। फिलहाल इस मुद्दे पर क्षेत्रीय विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा घिर गई है। यदि जिला अस्पताल छुईखदान गया तो खैरागढ़ में नाराजगी बढ़ेगी। और यही स्थिति अन्य जगहों पर भी निर्मित होगी।

इस पूरे मामले में विपक्ष के बड़े नेताओं ने साधी चुप्पी
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला में विभागों के बंटवारे मामले में विपक्षी दल भाजपा के बड़े नेताओं ने मौन धारण किए हुए हैं। क्योंकि किसी के भी प़़क्ष में मुंह खोलते ही दूसरा पक्ष नाराज हो जाएगा, जिससे सीधे तौर उनकी राजनीतिक जीवन को प्रभावित करेगा। यही हाल कांग्रेस के नेताओं के भी है। अब इस चक्रव्यूह में विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा फंसती नजर आ रही है। छुईखदान में बड़े विभागों की मांग को लेकर कांग्रेस के सज्जाक खान, भाजपा से नवनीत जैन ने मोर्चा खोल दिया है। जबकि गंडई में भी प्रशासनिक कार्यालय की की मांग भाजपा नेता खम्मन ताम्रकार कर चुके हैं। खैरागढ़ जिला मुख्यालय बन चुका है। लिहाजा यहां अभी माहौल सामान्य है। हालांकि कोई बड़ा विभाग छुईखदान-गंडई गया तो खैरागढ़ में भी आक्रोश सामने आ सकता है।

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1 thought on “राजनीतिक नफे के लिए खैरागढ़ के साथ जोड़ा गया छुईखदान-गंडई, अब जिला अस्पताल और सरकारी विभागों के बंटवारे के लिए छिड़ा संग्राम”

  1. जनहित के मुद्दो कों लगातार लोगो के बीच पहुँचा कर आप ऐसे ही शानदार कार्य करते रहे ।

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