news डेस्क। ब्रिटेन में एक के बाद एक हो रहे इस्तीफों के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी अपना इस्तीफा दे दिया हैं। इन सब के बीच देश की कमान अब किसके हाथ में आएगी, इस पर सबकी नजरें हैं। फिलहाल 3 नाम रेस में हैं और इनमें सबसे आगे भारतीय मूल के ऋषि सुनक का नाम सबसे आगे है। आइये जानते हैं कि कौन है ऋषि सुनक और भारत से इनका क्या है नाता….
ऋषि सुनक के बारे में
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथेम्प्टन, हैम्पशायर, दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में भारतीय माता-पिता यशवीर और उषा सनक के घर में हुआ था। उनके पिता एक सामान्य चिकित्सक थे, जबकि उनकी मां एक फार्मासिस्ट थीं, जो एक स्थानीय फार्मेसी चलाती थीं। सनक के दादा-दादी पंजाब प्रांत, (ब्रिटिश भारत) में पैदा हुए थे और 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन में आकर बस गए थे। तीन भाई-बहनों में सुनक सबसे बड़े हैं। उनके भाई संजय एक मनोवैज्ञानिक हैं और उनकी बहन राखी विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में मानवीय, शांति निर्माण, संयुक्त राष्ट्र के फंड और कार्यक्रमों के प्रमुख के रूप में काम करती हैं।
ऋषि सुनक का करियर
भारतीय मूल के ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथैम्पटन में हुआ था। उन्होंने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की। वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे, जहां से उन्होंने एमबीए किया था।
उन्होंने विश्वविद्यालय में अपने समय के दौरान रूढ़िवादी अभियान मुख्यालय में इंटर्नशिप की। 2001 से 2004 तक उन्होंने एक निवेश बैंक गोल्डमैन सैच्स में एक विश्लेषक के रूप में काम किया। उन्होंने द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट (TCI) में शामिल होने के लिए नौकरी छोड़ दी और सितंबर 2006 में एक भागीदार बन गए। वह 2009 में एक अन्य हेज फंड फर्म थेलेम पार्टनर्स में शामिल हो गए। उन्होंने अपने ससुर और व्यवसायी एन. आर. नारायण मूर्ति के स्वामित्व वाली निवेश फर्म कटमरैन वेंचर्स के निदेशक के रूप में भी काम किया।
इंफोसिस के संस्थापक की बेटी से हुई थी शादी
सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश पीएम होंगे। 42 साल के सुनक को बोरिस जॉनसन ने चुना था और उन्हें फरवरी 2020 में राजकोष का चांसलर नियुक्त किया था। सुनक ने कोरोना महामारी के दौरान कारोबारियों और मजदूरों की मदद के लिए बिलियन्स पौंड का बड़ा पैकेज तैयार किया था। इसके चलते वह बेहद लोकप्रिय हो गए थे। सुनक के दादा-दादी पंजाब से आए थे। इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से उनकी शादी हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं। कैलिफोर्निया में पढ़ाई के दौरान अक्षता और सुनक की मुलाकात हुई थी।
करोड़ों की मालकिन पत्नी
अक्षता सुनक की इंफोसिस में 0.93 फीसदी हिस्सेदारी है यानी वह लगभग 69 करोड़ पाउंड की मालकिन हैं। इस सूची में श्री और गोपीचंद हिंदुजा और उनका परिवार पहले स्थान पर है, पिछले वर्ष वे तीसरे पायदान पर आ गए थे। इसमें कहा गया, ”उनका ज्यादातर धन भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों में लगा । मुंबई के इंडसइंड बैंक में परिवार की हिस्सेदारी 4.545 अरब पाउंड।” सूची में तीसरे स्थान पर भी भारत में जन्मे भाई डेविड और सिमोन रूबेन तथा उनका परिवार है और उनकी संपत्ति अनुमानित 22.265 अरब पाउंड।
राजनीतिक सफर पर एक नजर
यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे थे। उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया।ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कैबिनेट में ऋषि ने जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया। उन्हें हमेशा से कंजरवेटिव पार्टी के एक उभरते सितारे के रूप में देखा गया। पार्टी के कई बड़े नेता गाहे-बगाहे उनकी प्रशंसा भी करते रहे हैं। मीडिया इंटरव्यू के लिए सरकार अक्सर उन्हें ही आगे रखती है। इसके अलावा PM बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार में भी उन्होंने अहम रोल दिखाया।
ऋषि सुनक फिटनेस को लेकर जुनूनी हैं। उन्हें क्रिकेट, फुटबॉल के अलावा फिल्में देखने का भी शौक हैं। उनके आकर्षक व्यक्तित्व को देखकर उन्हें डिशी ऋषि के निक नेम से भी बुलाया जाता है।
क्या है पूरा मामला?
ब्रिटेन के एक पूर्व नौकरशाह ने निलंबित सांसद क्रिस पिंचर के सेक्स स्कैंडल के मामले से निपटने के ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ के तरीके को लेकर टिप्पणी की थी। सरकार के प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि पिंचर के खिलाफ मामलों की जानकारी होने के बावजूद पीएम ने फरवरी में उन्हें डिफ्टी चीफ व्हिप के पद पर नियुक्त किया था। इसके बाद सबसे पहले पाकिस्तानी मूल के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि अब बोरिस में सरकार चलाने की क्षमता नहीं है। इसके बाद भारतीय मूल के वित्तमंत्री ऋषि सुनक ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद चार और मंत्रियों सुरक्षा मंत्री रिचेल मैक्लेन, निर्यात व समानता मंत्री माइक फ्रीर, निजी मामलों के मंत्री डंकन बेकर और क्रेग विलियम्स ने भी इस्तीफा दे दिया। इन सभी ने बोरिस पर हमले करते हुए इस्तीफे दिए हैं।