मतगणना स्थल पर हंगामा का मामला: भाजपा नेता विक्रांत सहित 10 आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत!

कुर्सी के सीधे मुकाबले में पिछड़ जाती कांग्रेस

सीजी क्रांति/खैरागढ़। रिकाऊंटिंग से हार के बाद मतगणना स्थल पर हंगामा करने वाले भाजपा नेता विक्रांत सिंह सहित 10 के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने विक्रांत सिंह समेत सभी आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी है।

पुलिस ने भाजपा नेताओं के खिलाफ बलवा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सरकार काम में बाधा डालना, सरकारी काम करने से अधिकारी को रोकने सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध कायम किया था। इसी के साथ भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर उड़ रखी खबरों पर विराम लग गया है।

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जिपं सभापति व अधिवक्ता घम्मन साहू ने बताया कि मतगणना स्थल पर हंगामा करने के मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ दो अपराध पंजीबद्ध किया गया था। जिसमें से एक अपराध के लिए स्थानीय न्यायालय से राहत मिल गई थी। लेकिन कोर्ट ने अपराध क्रमांक 494 की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

जिसके बाद विक्रांत सिंह सहित अन्य की अग्रिम जमानत की अर्जी हाई कोर्ट में लगाई गई। जिसे मंगलवार को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। वही भाजपा नेता विक्रांत सिंह सहित 10 आरोपियों को राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी।

कोर्ट में तीन बार डायरी ही पेश नहीं हुई

बलवा के अलावा पांच धाराओं के तहत केस दर्ज होने के बाद से भाजपा नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई थी। केस दर्ज होने के बाद पहले भाजपा नेता अंडर ग्राऊंड हो गए। वही कुछ समय बाद कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई। लेकिन पुलिस ने संबंधित मामले की डायरी पेश ही नहीं की। ऐसा तीन-चार से बार हुआ।

जब डायरी पेश की तो कोर्ट ने एक-दो पेशी के बाद एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी। लेकिन अपराध क्रमांक 494 पर कोर्ट ने संगीन बताते हुए खारिज कर दिया। वही हाई कोर्ट में पहली बार में डायरी पेश नहीं हो पाई थी। इस वजह से भाजपा नेताओं को राहत मिलने में देरी हो गई।

फरार घोषित हो गए थे विक्रांत

हंगामे के बाद से राजनीतिक माहौल बिगड़ा नजर आ रहा था। लेकिन उसे माहौल गरमाया गया, जब विक्रांत सिंह सहित 10 आरोपियों को पुलिस ने फरारी घोषित करते हुए गिरफ्तारी को लेकर स्थायी वारंट जारी कर दिया। वही तत्काल गिरफ्तारी की बात शहर में चर्चा का विषय बना रहा। हालांकि मामले में पुलिस ने विक्रांत सिंह की गिरफ्तारी को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अंतत: विक्रांत सिंह सहित अन्य आरोपियों की अग्रिम जमानत की अर्जी स्वीकार कर ली गई।

ये है पूरा मामला

घटना 23 दिसंबर 2021 की है। जब नपा पार्षद चुनाव के मतगणना के बाद वार्ड नंबर 04 राजफेमली में कांग्रेस-भाजपा के बीच मुकाबला टाई हो गया था। दोनों प्रत्याशियों को 387-387 वोट मिले थे। दो बार रीकाउंटिंग कराने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल सका। इसके बाद एक बार फिर से तीसरी दफा काउंटिंग कराई गई थी। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी को एक वोट से जीत मिली। इधर टाई वाले वार्ड के रिकाऊंटिंग का परिणाम कांग्रेस के पक्ष में जाते ही भाजपा नेता सक्रिय हो गए थे।

जिपं उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह की अगुवाई में भाजपा नेता व कार्यकर्ता रैली के रूप में मतगणना स्थल पहुंच गए। इस दौरान प्रशासनिक सुरक्षा में सेंध कर परिसर में घूस गए। वही मतगणना कक्षा की ओर बढ़ने लगे थे। लेकिन सुरक्षा में तैनात जवानों ने भाजपाइयों को रोक लिया।

तकरीबन दो घंटे तक भाजपा के लोगों ने पॉलीटेक्निक कॉलेज स्थित मतगणना परिसर में जमकर प्रदर्शन किया। वही सत्ता सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान भाजपाईयों ने जमकर हंगामा किया और परिसर में रखी कुर्सियों में तोडफ़ोड़ की थी। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया है। साथ ही सुरक्षाकर्मियों से झूमाझटकी भी की थी।

इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ था मामला

धारा 186- (सरकारी काम में बाधा पहुंचाना) तीन महीने की कैद व 500 रुपये जुर्माना।
धारा 353- (सरकारी अधिकारी को काम करने से रोकना) दो साल कैद व जुर्माना।
धारा 147- (बलवा करना) दो साल की कैद व जुर्माना।
धारा 294- सार्वजनिक जगहों पर अश्लील शब्दों का उपयोग करना।
धारा 506- धमकाना।
धारा 427- सरकारी संपत्ति को नुकसान।

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