सीजी क्रांति/खैरागढ़। जिला बनने के बाद केसीजी मुख्यालय खैरागढ़ में 1 नवंबर को आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में प्रशासनिक लापरवाही एक बार फिर सामने आया है। कांग्रेस के नेताओं ने आमंत्रण पत्र में वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है। तो वहीं आमंत्रण पत्र में गड़बड़ी होने के कारण दोबारा कार्ड का प्रकाशन कर उसे बांटा जा रहा है। लिहाजा नगर के कई गणमान्य नागरिकों को न्यौता नहीं मिला है। जिले में प्रशासनिक ढिलाई और अफसरों के गैरजिम्मेदाराना रवैए से लोग नाराज है।
बता दें कि राज्योत्सव के आयोजन को लेकर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार तक नहीं किया गया है। जिला मुख्यालय में जो तैयारियां दिख रही है कि उससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्योत्सव की महज रस्मअदायगी की जा रही है। विभिन्न शासकीय विभागों को उनके ही खर्च पर स्टॉल लगाने के कहा गया है। इसकी वजह से विभागों के प्रमुख अनमने मन से अपनी तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं।
संगठन नेताओं को जनप्रतिनिधि बनाकर आमंत्रण , कांग्रेस नेता ने लगाया उपेक्षा का आरोप
बता दें कि 1 नवंबर को राज्योत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रशासनिक अमले ने आमंत्रण पत्र में कांगेस संगठन के नेताओं के नाम के नीचे जनप्रतिनिधि लिखकर आमंत्रित किया गया है। इसे लेकर मुढ़ीपार ब्लाक कांगेस अध्यक्ष कोमल साहू ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। कोमल साहू ने कहा कि प्रशासन ने प्रोटोकाल तोड़कर खैरागढ़, छुईखदान ब्लाक कांग्रेस के शहर व ग्रामीण अध्यक्ष को जनप्रतिनिधि बनाकर आमंत्रित किया है। वहीं मुढ़ीपार ब्लाक के कांग्रेस पदाधिकारियों को सम्मान देने में हाथ खींच लिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पदम कोठारी समेत खैरागढ़ पूर्व विधायक गिरीवर जंघेल तक अतिथि नहीं बनाया गया है। प्रशासन का यह रवैया भेदभावपूर्ण वाला है। जो कि पीड़ादायक है।
जिम्मेदार अफसरः-
0 एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूतः-खैरागढ़ के एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत को राज्योत्सव कार्यक्रम का नोडल अधिकारी बनाया गया है। उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा को ध्यान में रखते हुए आयोजन के पूरे क्रियाकलापों पर नजर रखे व उसका सफल क्रियान्वयन करें।
0 तहसीलदार प्रीतम साहूः- तहसीलदार प्रीतम साहू को आमंत्रण पत्र वितरण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन वे आमंत्रण पत्र को सम्मान के साथ गणमान्य नागरिकों तक पहुंचाने में ढिलाई बरत रहे हैं। प्रीतम साहू के अनुसार कार्ड में कुछ त्रुटियां होने की वजह से उसे दोबारा प्रकाशित किया गया है। यानी आमंत्रण पत्र के प्रकाशन तक में लापरवाही बरती गई है। हालांकि इसे मानवीय भूल मानकर नजरअंदाज किया जा सकता है लेकिन जिम्मेदारों की कार्यकुशलता पर सवाल उठ रहे हैं।
0 सीएमओ सूरज सिदारः- नगर पालिका के सीएमओ सूरज सिदार को आमंत्रण पत्र प्रकाशन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तहसीलदार के बताए अनुसार आमंत्रण पत्र में त्रुटियां होने की वजह से दोबारा प्रकाशन किया गया! यह सवाल यह उठता है कि सीएमओ पर केवल आमंत्रण पत्र प्रकाशन की जिम्मेदारी ही थी या उसके पूरे प्रारूप को बनाने और फिर उसकी प्रुफ रिडिंग कर उसे फाइनल करने की भी जिम्मेदारी थी? इसमें सीएमओ से उच्च अधिकारियों की गैरजिम्मेदारी झलक रही है।