सीजी क्रांति/खैरागढ़। धर्मयात्रा अपने ग्याहरवें पड़ाव में वीरेश्वर महादेव मंदिर पहुंचीं। मंदिर को 100 साल से अधिक हो चुके हैं। मंदिर का निर्माण ख़ैरागढ़ रियासत के अंतिम रूलिंग चीफ राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह ने कराया,और उनके आराध्य के रूप में ही भगवान के शंकर के इस मंदिर का नाम वीरेश्वर महादेव मंदिर पड़ा। महाशिवरात्रि पर मंदिर में परंपरागत रूप से मेला लगता है। और भगवान शिव की पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना होती है। गर्भगृह में भगवान शिव के साथ हनुमान जी और अन्य देवी देवता विराजमान हैं। हालांकि समय के साथ मंदिर जर्जर हो चुका है। और उसके पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। धर्मयात्रियों ने पूजन से पूर्व मंदिर के चारों दीपक प्रज्वलित किए। जिसकी वजह से मंदिर की का अलग ही स्वरूप सामने आया।
शिव दरबार में गूंजा सुंदरकांड
मंगलवार की देर शाम शिव दरबार में गूंजते सुंदरकांड ने धर्म मय वातावरण निर्मित किया। जिसमें धर्मयात्री सहित वार्ड वासी सराबोर रहे। साथ हनुमान चालीसा व शिव स्तुति ने धर्म यात्रा की ऊर्जा को दोगुना कर दिया।
ढाई महीनों में ग्यारह मंदिरों में पहुंची यात्रा
ढाई महीनों में प्रमुख ग्यारह मंदिरों में यह धर्मयात्रा पहुंच चुकी है। जहां लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। और सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। साथ धर्म यात्रा में अपनी भागीदारी भी निभा रहे हैं।