सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। नया जिला केसीजी में शारीरिक रूप से लाचार दिव्यांगों के सामने विकट समस्या है। शासन की योजनाओं के तहत इन्हें इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसिकल, व्हील चेयर, बैशाखी और श्रवण यंत्र समेत छड़ी तक के लिए तरसना पड़ रहा है। जरूरतमंद आस लगाए बैठे हैं लेकिन उन्हें विधायक यशोदा वर्मा से लेकर प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों से यही सुनने को मिल रहा है कि उनकी आवश्यकताओं के सामान उपलब्ध नहीं है। जैसे ही उपलब्धता होगी, उन्हें वितरण कर दिया जाएगा। यही नहीं दिव्यांगों को अपने शारीरिक अक्षमता को साबित करने के लिए यूडीआई प्रमाण पत्र के लिए भी राजनांदगांव की दौड़ लगानी पड़ रही है।
बता दें कि दो दिन पहले विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा गोकुल नगर वार्ड क्रमांक 19 में भेंट-मुलाकात करने पहुंची। वहां दो लोगों ने उनसे इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसिकल की मांग की। इस पर उन्होंने कहा कि अभी इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसिकल उपलब्ध नहीं है। जैसे ही आएगा आप लोगों को आंवटित करवा देंगे। इसके बाद सीजी क्रांति टीम ने पड़ताल की तो जो व्यवस्थागत खामियां सामने आई।
विश्वनीय सूत्रों के मुताबिक विभाग की ओर से संचालनालय से सामग्री खरीदी के लिए अनुमति मांगी गई लेकिन वहां से हरी झंडी नहीं मिल रही है। विभाग ने 20 नगर छोटा इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसिकल, 40 नग बड़ा इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसिकल, 100 नगर श्रवण यंत्र, 20 नगर व्हील चेयर, 150 नगर बैशाखी, बुजूर्गों के लिए 100 नग छड़ी खरीदे जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसका उच्च विभाग द्वारा अनुमोदन होने तक दिव्यांगों को फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा।
कलेक्टोरेट के समाज कल्याण विभाग में दो इलेक्ट्रीक ट्राईसिकल बगैर बैटरी के पड़ी है। जानकारी के अनुसार जब इन्हें छुईखदान में रखा गया तब इनकी बैटरी चोरी कर ली गई। जिसकी कीमत 7 हजार से अधिक है। दो हाथ ट्राईसिकल है। वहीं करीब 2-3 व्हील चेयर और कुछ छड़ियां रखी हुई है। जिला बनने के बाद कलेक्टोरेट की स्थापना तो कर दी गई लेकिन समाज कल्याण विभाग समेत अन्य विभागों में स्टॉफ की पर्याप्त संख्या में नहीं है। इसकी वजह से भी शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं से हितग्राहियों को समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा है।