0 विधायक यशोदा वर्मा चीफ गेस्ट, सांसद संतोष पाण्डेय और केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त भुनेश्वर बघेल विशिष्ट अतिथि, जिला पंचायत सदस्यों का तो नाम भी नहीं
सीजी क्रांति/खैरागढ़। खैरागढ़ में आयोजित राज्योत्सव के लिए प्रकाशित आमंत्रण पत्र, आमंत्रित अतिथि और उनके नामों को लेकर विवादों में घिर गया है। देश के सर्वोच्च सदन में सदस्य सांसद का स्थान विधायक से नीचे कर दिया गया है। जिला प्रशासन केसीजी के आमंत्रण पत्र में बतौर मुख्यअतिथि विधायक यशोदा वर्मा को आमंत्रित किया गया है जबकि सांसद संतोष पाण्डेय को विशिष्ट अतिथि बनाया गया है। जिनमें नगर पालिका, नगर पंचायत, जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों का भी नाम शामिल है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त भुनेश्वर शोभाराम बघेल को भी विशिष्ट अतिथि बनाया गया है। जो कि डोगरगढ़ के विधायक होने के साथ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं। सवाल यह उठता है कि सांसद और कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त पद क्या विधायक से नीचे होता है।
इन सबके बीच हैरानी की बात यह है कि सांसद संतोष पाण्डेय का प्रोटोकाल गिराकर उन्हें विशिष्ट अतिथि बनाए जाने का कोई भाजपा नेता विरोध भी नहीं कर रहा है। यहां सवाल उठता है कि जिला प्रशासन ने विशिष्ट अतिथि बनाए जाने के पहले सांसद संतोष पाण्डेय से विधिवत अनुमति ली है या नहीं ?
भाजपा के जिलाध्यक्ष घम्मन साहू ने कहा कि राज्योत्सव के नाम पर राजनीति हो रही है। सरकार ने जिला प्रशासन का कांग्रेसीकरण कर दिया गया है। सांसद संतोष पांडेय को विधायक के नीचे विशिष्ट अतिथि बनाना सीधे तौर प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं है। यहीं नहीं कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त अपने साथी कांग्रेस विधायक को भी विशिष्ट अतिथि बनाया गया जो कि शिष्टाचार के हिसाब से गलत है। आमंत्रण पत्र में ढेरों खामियां है। जिला प्रशासन ने कांग्रेस संगठन के नेताओं को विशिष्ट अतिथि बनाया है लेकिन क्षेत्र के निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को स्थान नहीं दिया गया है।
विरोध के बाद पदम कोठारी, मोतीलाल जंघेल और कोमल साहू का नाम जुड़ा गिरीवर जंघेल को फिर भूले
बता दें कि राज्योत्सव कार्यक्रम के लिए दो बार आमंत्रण पत्र प्रकाशित किया गया है। पहले कार्ड में ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों में मुढ़ीपार ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष कोमल साहू का नाम नहीं था। श्री साहू के विरोध के बाद दूसरी बार प्रकाशित आमंत्रण पत्र में कोमल का जोड़ा गया। उनके साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पदम कोठारी व मोतीलाल जंघेल का नाम भी कार्ड में प्रकाशित किया गया है। इनमें पदम कोठारी के पदनाम में जनप्रतिनिधि लिखा गया है।
वहीं पूरे क्षेत्र में एकमात्र समाजसेवी मोतीलाल जंघेल को आमंत्रित किया गया है। कहा जा रहा है कि मोतीलाल जंघेल पहले कांग्रेस की टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं दूसरी बार प्रकाशित आमंत्रण पत्र में पूर्व विधायक गिरवर जंघेल का नाम नहीं जोड़ा गया है। वहीं कृषि उपज मंडी दशमत उत्तम जंघेल का नाम नहीं होने से भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है।
कांग्रेस संगठन के नेताओं को प्रशासन ने बना दिया जनप्रतिनिधि
राज्योत्सव के आमंत्रण पत्र में जिला प्रशासन के अफसरों ने जनप्रतिनिधि की परिभाषा ही बदल दी। कार्ड में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षों के नाम के नीचे पदनाम में जनप्रतिनिधि लिख दिया गया है। जबकि जनता के द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों को जनप्रतिनिधि कहा जाता है!