सीजी क्रांति/खैरागढ़। नए जिले में खाद्य विभाग की टीम फिल्ड में नजर नहीं आ रही है। जबकि दीपावली को करीब 9 दिन ही बाकी है। होटल कारोबारियों को इस बात का अगाह करने तक की कार्यवाही पूरी नहीं हुई दीपावली में मिठाई व अन्य पकवानों में मिलावट न हो। आम तौर दीपावली के समय में मिठाईयों की मांग बढ़ जाती है। मांग की आपूर्ति करने और अधिक मुनाफे के लालच में मिलावट का खेल शुरू हो जाता है।
एक अनुमान के मुताबिक पूरे जिले में 50 से अधिक स्वीट्स की दुकानें होंगी। लेकिन इन दुकानों के मालिकों को अब तक न ही साफ-सफाई के लिए दिशा-निर्देश दिया गया है और न ही त्योहार के अवसर पर मिलावटखोरी न करने के लिए ताकीद की गई है। अब अगर फूड विभाग मिठाई के सैंपल जांच के लिए कलेक्ट करेगा तो रिपोर्ट दिवाली के बाद आएगी। क्योंकि एक सैंपल की जांच में न्यूनतम 14 दिन लगते हैं। लेकिन इसकी रिपोर्ट आने में महीनों लग जाते हैं।
बता दें कि अधिक मांग होने पर उसकी आपूर्ति के लिए दूध की जगह सस्ती कंपनी के दूध पाउडर, खोवे में अरारोट की मिलावट ताकि खोवा बचाया जा सके, शुद्ध घी की जगह वनस्पति तेल का उपयोग, खोवे की मात्रा कम कर उसमें आलू की मिलावट,शक्कर की जगह कम कीमत वाली सैकरीन का उपयोग, नुकसानदायक रंगों का उपयोग समेत अन्य कई तरीके से मिलावटी खाद्य पदार्थ उपयोग में लाए जाते हैं। हालांकि राजधानी स्तर में अभी मिठाई और दूसरी खाने पीने की चीजों में मिलावट और रंग की ही जांच हो पा रही है। जबकि खाद्य सामग्रियों में वाइरस, जीवाणु या सूक्षम कीट की जांच अभी नहीं हो रही है!