सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। कोरोना काल में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मुख्य आयोजनों को बंद करने जो आदेश हुआ, वह अब तक छुईखदान में जनपद में जारी है! यहां बीते करीब 3 साल से ध्वजारोहण की रस्मअदायगी भर हो रही है। जनपद पंचायत मुख्यालय स्तर पर जो नगर में मुख्य आयोजन हुआ करता था, वह बंद हो गया है। इसे लेकर गुरूवार को छुईखदान के सर्वदलीय नेता, कारोबारी, प्रबुद्ध नागरिक नए कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा से भेंट कर अपनी बात रखी।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अविभाजित राजनांदगांव जिलाअंतर्गत जनपद पंचायत मुख्यालयों में एसडीएम के संयोजन में मुख्य आयोजन होता था। लेकिन छुईखदान में एसडीएम ने अभी तक ब्लाक स्तर पर न विभागीय बैठक लिया और न ही गणतंत्र दिवस की तैयारियों के आदेश जारी किया है।
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय खैरागढ़ में मुख्य आयोजन शुरू हो गया, लेकिन छुईखदान में जनपद स्तर पर होने वाले मुख्य आयोजन को बंद कर दिया गया है। जो कि आश्चर्यजनक और घोर आपत्तिजनक है।
पूर्व में जनपद कार्यालय में ध्वजारोहण और मुख्यमंत्री के संदेशों का वाचन कर कार्यक्रम पूर्ण कर लिया जाता है। यहा प्रोटोकॉल कोरोना काल के समय लागू हुआ था। लेकिन कोविड खत्म होने के बाद पुनः पुरानी गौरवशाली परंपरा को शुरू करने की जरूरत थी लेकिन इसी बीच जिला बन गया और प्रथम कलेक्टर डॉ. जगदीश कुमार सोनकर के कार्यकाल में सिर्फ जिला मुख्यालय में ही गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस मुख्य कार्यक्रम रखने की परिपाटी शुरू हो गई है। शासन के गाईड लाइन के हिसाब से भी जनपद पंचायत मुख्यालय स्तर पर राष्ट्रीय पर्व को मनाने का स्पष्ट उल्लेख है।
पूर्व की भांति एसडीएम ब्लाक स्तर पर सभी विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर राष्ट्रीय पर्व मनाने के आदेश जारी करता था। मैदान में मुख्य आयोजन हुआ करता था। जहां जनपद पंचायत अध्यक्ष ध्वजारोहरण करते थे। मुख्यमंत्री के संदेशों का वाचन हुआ करता था। स्कूली बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम व परेड भी होता था। झांकिया भी निकाली जाती थी।
छुईखदान में राष्ट्रीय पर्व का भव्य व मुख्य आयोजन नहीं होने के कारण स्थानीय नागरिकों में गहरी नाराजगी है। बता दें कि इस क्षेत्र में 60 स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। अपनी माटी के लिए 5 लोगों ने आजाद भारत में गोली खाई है। ऐसे गौरवशाली जगह पर स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस मनाने की पारंपरिक शैली को खत्म कर उसे महज औपचारिक आयोजन तक सीमित रखे जाने पर आपत्ति व नाराजगी जाहिर की गई है।
प्रतिनिधिमंडल में नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रावल चंद कोचर, संजय महोबिया, संजीव दुबे, देवराज किशोर दास, मनोज चौबे, नवनीत जैन, शैलेंद्र तिवारी, विक्रांत चंद्राकर समेत अन्य उपस्थित थे।