सीजी क्रांति न्यूज/रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा के कद्दावर नेता और 8 बार लगातार विधायक चुनाव जीतने वाले बृजमोहन अग्रवाल को भाजपा ने रायपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। प्रदेश की राजनीति में चुनावी प्रबंधक और भाजपा के संकट मोचक माने जाने वाले बृजमोहन अग्रवाल अब केंद्रीय राजनीति का हिस्सा बनने जा रहे हैं। वे यदि लोकसभा चुनाव जीतते हैं तो उनके रायपुर दक्षिण विधानसभा में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, यह सवाल अभी से उठने लगा है।
बता दें कि छात्र राजनीति से भाजपा की मुख्य धारा की राजनीति में अहम किरदार रहे बृजमोहन अग्रवाल की लोकप्रियता प्रदेश स्तर पर हैं। उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव 1990 में लड़ा था, तब से हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने 8 वीं बार विधायक पद पर सर्वाधिक मतों से विजयी हुए हैं। विधायक बनने से पहले वे प्रदेश की छात्र राजनीति में काफी लोकप्रिय रहे हैं। उन्होंने तब के प्रभावी और कद्दावर नेता रहे श्यामाचरण शुक्ल व विद्याचरण शुक्ल जैसे धाकड़ नेताओं की चुनौती देकर राजनीति में अपनी जगह बनाई थी।
बृजमोहन अग्रवाल 8 बार से विधायक हैं यानी विगत 35 सालों से इस सीट का प्रतिधित्व कर रहे हैं। हाल ही में बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस के डॉ महंत रामसुंदर दास को प्रदेश में सर्वाधिक 67851 से पराजित किया है। वर्ष 2018 उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार कन्हैया अग्रवाल को पराजित किया था। बृजमोहन अग्रवाल 1990 में पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश में विधायक चुने गए थे। उसके बाद साल 1993 एवं 1998 में अविभाजित मध्य प्रदेश में तीन बार चुने गए। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से वह 4 बार वर्ष 2003, 2008, 2013 एवं 2018 और 2023 के चुनाव में विजयी होते रहे हैं। साल 2018 के चुनाव में पूरे राज्य में कांग्रेस की लहर थी, लेकिन उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी।
रायपुर लोकसभा सीट का इतिहास
संविधान लागू होने के बाद 1951-52 में हुए पहले चुनाव में विधानसभा और लोकसभा की वोटिंग एक साथ हुई थी। इसके बाद अलग-अलग राज्यों के गठन और लोकसभा भंग होने या सरकार गिरने के बाद चुनाव का समीकरण बदल गया। रायपुर में हुए पहले चुनाव में अधिवक्ता, जमींदार और कांग्रेस नेता भूपेन्द्र नाथ मिश्रा और मिनीमाता अगमदास गुरू सांसद चुने गए।
मिनीमाता पहली महिला सांसद थीं। पहले ही लोकसभा चुनाव में रायपुर को महिला सांसद का प्रतिनिधित्व मिला। 1951 से 1971 तक हुए लोकसभा चुनाव में रायपुर सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा। 1977 में कांग्रेस के वर्चस्व को तोड़ते हुए रायपुर को पहली बार गैर कांग्रेसी सांसद मिला। इस चुनाव में जनता पार्टी के पुरुषोत्तम कौशिक सांसद चुने गए।
इसके बाद से 1989 में बीजेपी के रमेश बैस सांसद चुने गए। 1991 में कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल सांसद बने। इसके बाद 1996 से 2019 तक रायपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है। लगातार छह बार रमेश बैस सांसद चुने गए। पिछले चुनाव में सुनील सोनी सांसद बने।