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चापलूसों से घिरे सौम्य विक्रांत सिंह बन गए दबंग, खैरागढ़ जिला भाजपा में विक्रांत के सामने संगठन बौना ? आखिर भाजपा में चल क्या रहा है, जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

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सीजी क्रांति/खैरागढ़। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती अवसर पर ग्रामीण भाजपा मंडल के ग्राम पंचायत अवेली में सुशासन दिवस मनाया जाएगा। इस आयोजन में शहर भाजपा मंडल भी शामिल होगी। यानी शहर भाजपा मंडल नगर में सुशासन दिवस न मनाकर ग्रामीण भाजपा मंडल के कार्यक्रम में हिस्सेदारी करेगी। और संयुक्त रूप से सुशासन दिवस मनाएगी। इस आयोजन के आमंत्रण पत्र में जिला भाजपा अध्यक्ष घम्मन साहू से पहले जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह का नाम लिखा गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके पहले पाकिस्तानी मंत्री बिलावल भुट्ठो के पुतला दहन के अवसर पर हुए छोटी सभा में पार्टी की परंपरा और प्रोटोकाल को तोड़ा गया था? संगठन के कार्यक्रम में जिला भाजपाध्यक्ष का प्रोटोकाल जिला स्तर में बड़ा होगा या छोटा, यह जिज्ञासा का विषय बन गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि संगठन के कार्यकम में जिला भाजपा अध्यक्ष बड़ा होगा। लेकिन खैरागढ़ में इस प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा है।

दरअसल खैरागढ़ में जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह की तूती बोलती है। यह उनका प्रभाव ही है कि उनके व्यक्तित्व के सामने पार्टी संगठन बौना साबित हो जाता है? प्रोटोकॉल की सीमाएं टूट जाती है। उनकी इच्छा ही कार्यकर्ताओं के लिए आदेश बन जाता है। शहर हो या ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष दोनों का यह मानना है कि खैरागढ़ में विक्रांत सिंह राजा है। उनके सामने खैरागढ़ में भाजपा का प्रोटोकाल नहीं चलता। उनके समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं की यह बातें अजीब और भावुकता भरी है। भाजपा की कार्यसंस्कृति से यह मेल नहीं खाती है लेकिन राजनीति में सफल होने के लिए काबिल नहीं करीब होने की जरूरत है। और इसी करीबियत को पाने के लिए यह व्यूह रचा जाता है। जिसमें पार्टी नहीं व्यक्ति निष्ठा का बोलबाला बढ़ जाता है।

लेकिन समय-समय पर यह देखा गया है कि अपने ही कार्यकर्ताओं की अति प्रशंसा व परिक्रमा की राजनीति करने वालों से घिरने के चलते विक्रांत सिंह की छवि दबंग और आक्रमक सी बन गई है। जबकि वास्तव में वे एक शांत, सुलझे हुए, सौम्य और सरल स्वाभाव के व्यक्ति है। पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं का मानना है कि चापलूसी और करीबियत के बढ़ते प्रभाव के कारण भाजपा लगातार खोखला होते जा रहा है। खैरागढ़ विधानसभा की राजनीति दशकों से दो नेताओं के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। पार्टी में नई सोच और विचारों को जगह नहीं मिल रही है। यही वजह है कि भाजपा की हार प्रदेश में भाजपा की तीसरी सत्ता के समय से ही शुरू हो गई। छात्रसंघ चुनाव में मिली हार के बाद विधानसभा, फिर नगर पालिका, जनपद पंचायत में हार चुकी है। कांग्रेस के कुप्रबंधन के कारण जोड़-तोड़ कर जिला पंचायत में ही भाजपा काबिज हो सकी है। खैरागढ़ से गंडई तक नगरीय निकायों में कांग्रेस काबिज है। यही हाल स्थानीय पंचायती राज का है।

खैरागढ़ में विक्रांत सिंह का प्रोटोकाल चलता है- अनिल अग्रवाल
खैरागढ़ शहर मंडल भाजपा के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि खैरागढ़ में भाजपा का नहीं विक्रांत सिंह का प्रोटोकाल चलता है। वे सर्वमान्य और लोकप्रिय नेता है। इसलिए उनका नाम जिला भाजपाध्यक्ष घम्मन साहू से उपर रखा गया है।

कार्ड मैंने नहीं, अनिल अग्रवाल ने छपवाया है- नूनकरण साहू
खैरागढ़ ग्रामीण भाजपा मंडल के अध्यक्ष नूनकरण साहू ने कहा कि शहर भाजपा मंडल हमारे संयोजन में अवेली में सुशासन दिवस मनाएगी। आमंत्रण पत्र मैंने नहीं छपवाया है। अब यहां क्या प्रोटोकाल, यहां तो विक्रांत सिंह ही राजा है। उनकी मर्जी से सब चलते हैं।

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