सीजी क्रांति/खैरागढ़। विकास और सौंदर्यीकरण के नाम पर जनता के पैसों को पानी की तरह बहाया गया। जनप्रतिनिधि चूने गए ताकि वे जनता के हितों का ख्याल रख सके पर इसकी अनदेखी की गई। कांग्रेस—भाजपा समेत नगर पालिका प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत से लाखों रूपए फूंक दिए गए।
बता दें कि स्टेट हाईवे कवर्धा मार्ग स्थित जैन दादाबाड़ी के सामने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के बाउड्रीवॉल व पॉलीटेक्निक बाउड्रीवॉल के सौंदर्यीकरण और उसके सामने मिनी उद्यान बनाने पूरे 62 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। ठेकेदार को 52 लाख रूपए भुगतान भी किया गया। ठेकेदार आधा—अधूरा काम कर चला गया। इन पैसों से केवल संगीत विवि के बाउड्रीवॉल के सौंदर्यीकरण को पूर्ण किया गया। जबकि पॉलीटेक्निक के बाउड्रीवॉल के सामने दो फीट की वॉल, उस पर लोहे की रेलिंग और मिट्टी की फिलिंग ही की गई। दीवार पर जो पेंटिंग की गई है उसे दो साल पहले शहर के समाजसेवियों ने अपने पैसों से किया है।
लापरवाही: 62 लाख के सौंदर्यीकरण की प्रोजेक्ट फाइल गुम
नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आधा करोड़ खर्च होने वाले इतने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की फाइल गुम हो गई है। नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने जब इसकी फाइल मंगाई तो उन्हें फाइल न होने की बात कही गई। बता दें कि सरकारी फाइल का गुम होना घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है।
हैरत की बात यह है कि 62 लाख के प्रोजेक्ट की फाइल गुम हो गई लेकिन इसकी सूचना आला अधिकारियों को नहीं दी गई। इसका खुलासा तब हुआ जब पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने जिम्मेदारों से फाइल मंगाई। नियमों की बात करें तो सरकारी दफ्तर से फाइल गुम होने की घटना गंभीर मामला है। इसकी सूचना पुलिस से की जानी चाहिए। साथ ही जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक व दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
फाइल नहीं मिल रही है, गड़बड़ी का अंदेशा—शैलेंद्र वर्मा
संगीत विवि और पॉलीटेक्निक कॉलेज के बाउड्रीवॉल सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट करीब 62 लाख की थी। ठेकेदार ने केवल जैन मंदिर के सामने संगीत विवि के बाउड्रीवॉल का काम पूरा किया। इसके लिए उसे 52 लाख का भुगतान किया गया है। इसकी फाइल नहीं मिल रही है। फाइल मिलने के बाद ही इस घोटाले की तस्वीर साफ हो पाएगी।