सीजी क्रांति/खैरागढ़। सट्टा के खिलाफ एसपी अंकिता शर्मा की सख्ती के बाद अब पुलिस सट्टा सिंडीकेट का चेन तोड़ने में जुट गई है। खैरागढ़ के इतिहास में संभवतः ऐसा पहली बार हुआ है कि सट्टा खिलाने वाले की गिरफ्तारी के बाद उसका बयान लिया गया। और उस बयान के आधार पर सट्टा के बड़े मगरगच्छ के गिरेबान में पुलिस ने हाथ डालने की हिम्मत दिखाई। भाजपा के पूर्व पार्षद, मंडल भाजपा अध्यक्ष, वर्तमान में खैरागढ़ ग्रामीण मंडल भाजपा के प्रभारी जैसे कई अहम पदों में रह चुके लालू गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने जुर्म दर्ज किया है। मंगलवार को राजफेमली निवासी मिलिंद सिंह को 25 हजार की सट्टा पट्टी और 1100 रूपए नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने सट्टा का चेन तोड़ने मिलिंद सिंह से पूछताछ शुरू की।
मिलिंद सिंह ने बताया कि वह तुरकारी पारा खैरागढ़ निवासी लालू गुप्ता के कहने पर ही सट्टा पट्टी लिखना व उन्ही को सट्टा पट्टी देने की बात स्वीकारी। मिलिंद सिंह सट्टा पट्टी को मोबाईल के माध्यम से व्हाट्सअप कर लालू गुप्ता को भेजता था। जिसके बाद सट्टा नंबर को नोट कर मोबाइल से डिलीट कर दिया जाता था। पूरे हाईटेक तरीके से खैरागढ़ का सट्टा सिंडीकेट काम रहा था। पुलिस की पकड़ मे ंआने के पहले ही ये सबूत को खत्म कर देेते थे।
खैरागढ़ थाना प्रभारी राजेश देवदास ने बताया कि सट्टा खाईवालों ने लोगों को सट्टा खेलने का नया तरीका अपनाया था। ये एजेंटो के माध्यम से सट्टा नंबर मोबाईल से लेकर तत्काल अपने व्हाटसअप मे मंगवाने के बाद अपने मोबाईल से डिलिट कर देते थे जिससे सटोरियो पुलिस से असानी से बच निकलते थे। मिलिंद सिंह एवं लालू गुप्ता के विरूद्ध धारा 4 (क) सट्टा एक्ट/धारा 109 भादवि के तहत अपराध पंजीबंद्ध कर विवेचना में लिया गया।
बता दें कि इसके ठीक एक दिन पहले पुलिस ने राजफेमली और शिवमंदिर निवासी दो युवकों को सट्टा पट्टी समेत पकड़ा था। ये भी लंबे समय से इस धंधे में सलिप्त थे। उससे पहले छुईखदान में एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के खिलाफ भी सट्टा-जुआ के मामले में जुर्म दर्ज हो चुका है। बता दें कि खैरागढ़ में सट्टा और जुआं राजनीतिक दल के अहम पदों पर बैठे रसूखदार ही संचालित करा रहे हैं। ये अलग बात है कि अधिकतर कार्रवाई भाजपा नेताओं के खिलाफ किया जा रहा है।