सीजी क्रांति/खैरागढ़। खैरागढ़ शहर में नगर पालिका का अवैध निर्माण पर ढीला रवैया बरकार है। पालिका के अधिकारी—कर्मचारी अवैध मकानों के खिलाफ आंखे मूंदे बैठे हैं। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अधिक से अधिक मकानों को विधिनुसार वैध किया जाए, ताकि नगरीय निकाय के आय में बढ़ोत्तरी हो। इसके बावजूद खैरागढ़ में अवैध मकानों और कब्जों पर किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं हो रही है। लोगों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि नदी तक में अवैध कब्जा कर मकान बना लिया गया है, तो पालिका की सड़क में मकान तान दिया गया है।
बता दें कि 1291 वर्गफूट से कम जगह पर अवैध मकानों का निशुल्क नियमितीकरण का आदेश जारी होने के बाद भी अब पालिका में मात्र 10 लोगों ने ही नियमितीकरण के लिए आवेदन किया है। जबकि खैरागढ़ में एक सर्वे के मुताबिक न्यूनतम 739 मकानों का निर्माण अवैध तरीके से हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि पालिका ने अब तक अवैध मकानों का सर्वे तक नहीं किया है, लिहाजा उनके पास अवैध मकानों का कोई रिकार्ड तक नहीं है। वर्तमान में दर्जनों आवासीय व व्यावसायिक परिसरों का बगैर अनुमति व नियमविपरीत निर्माण कार्य जारी है। नियमितीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इससे पहले राजीनामा की प्रक्रिया चली लेकिन पालिका तक जो पहुंचे उन्हीं के मकानों का नियमितीकरण किया गया। अवैध मकानों की एक ईंट तक नगर पालिका के जिम्मेदार नहीं हिला पाए हैं। पालिका के सुस्त रवैये की वजह से अवैध निर्माण करने वालों को और बल मिल रहा है।
1291 वर्गफीट तक में बने अवैध मकान का नियमितीकरण होगा निशुल्क
बता दें कि शासन के नई निर्देश व गाईडलाइन के मुताबिक शहर में उन मकान वालाें काे राहत मिली है जिनके मकान 1291 वर्गफीट में बने हैं व अवैध हैं उनका नियमितिकरण हाे जाएगा। प्रदेश के नगरीय निकायों व नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्र द्वारा घोषित निवेश क्षेत्र में बने अवैध निर्माण को नियमित करने लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण संशोधन अधिनियम एवं छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण संशोधन नियम 2022 प्रदेश में लागू की गई है।
इस नियम के तहत अब 120 वर्ग मीटर अर्थात 1291 वर्ग फीट भूखण्ड में निर्मित आवासीय मकानों का निशुल्क नियमितीकरण होगा। साथ ही 120 वर्गफीट से अधिक भूखंड पर निर्माण एवं भू उपयोग परिवर्तन पर निर्धारित शुल्क के साथ नियमितीकरण किया जाएगा। इसके लिए संबंधित मकान मालिकों को निर्धारित प्रारूप में संबंधित नगरीय निकायों एवं नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में आवेदन करना होगा।
बता दें कि प्रदेश के नगरीय निकायों व नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्र द्वारा घोषित निवेश क्षेत्र में बने अवैध निर्माण को नियमित करने लिए प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण (संशोधन) अधिनियम एवं छत्तीसगढ अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण (संशोधन) नियम 2022 प्रदेश में लागू की गई है। इस नियम के तहत अब 120 वर्ग मीटर अर्थात 1291 वर्ग फिट भूखंड में निर्मित आवासीय मकानों का निःशुल्क नियमितिकरण होगा। इसके लिए संबंधित मकान मालिकों को निर्धारित प्रारूप में संबंधित नगरीय निकायों एवं नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा।
जिन भू-स्वामियों ने सक्षम अधिकारी से बिना स्वीकृति के भवन निर्माण करा लिया गया हो या अनुमोदित विकास अनुज्ञा/भवन निर्माण अनुज्ञा अभिन्यास से भिन्न निर्माण कार्य कराया गया हो वे उक्त नियम के तहत निर्धारित जुर्माना राशि जमाकर अपना भवन नियमित करा सकते है। यह अधिनियम व नियम राजपत्र में अधिसूचित 14 जुलाई 2022 के पूर्व अस्तित्व में आए भवनो पर ही लागू होगा।
इस अधिनियम के तहत जिला स्तरीय जिला नियमितीकरण प्राधिकारी समिति का गठन किया गया है जिसमें कलेक्टर अध्यक्ष, जिला पुलिस अधीक्षक सदस्य, संबंधित निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी सदस्य व सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश सदस्य सचिव रहेंगे।
आवेदन की प्रक्रिया
नगरीय निकाय क्षेत्रों में आवेदन नगरीय निकाय में जमा किए जाएंगे व नगरीय निकाय क्षेत्र से बाहर किंतु नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा घोषित निवेश क्षेत्र में शामिल ग्रामों में आवेदन सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में जमा किए जाएंगे।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदित भूमि का बी-1, पी-2, 1 रू 4000 के माप मान में खसरा नक्शा, रजिस्ट्री बैनामा व ऋण पुस्तिका की प्रति भवन का 4 दिशा से फोटो, भवन का मानचित्र पूर्व से लिए गए अनुज्ञा की प्रति, 300 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल होने पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रमाण पत्र।