सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। खैरागढ़ शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने शुरू की गई दीदी बर्तन बैंक योजना फेल साबित हो गई। आश्चर्य की बात यह है कि जनता को इसकी जानकारी ही नहीं दी गई। जबकि इस योजना के तहत जनता को जागरूक करने के लिए मुनादी और होर्डिंग्स लगाकर प्रचार-प्रसार करने तक का प्रावधान है। जनता को रियायती दर पर सार्वजनिक कार्यों के लिए बर्तन किराए पर दिया जाना चाहिए था। ताकि प्लास्टिक के सामग्री का उपयोग कम हो सके। पर्यावरण संरक्षित हो सके। साथ ही शहर प्लास्टिक के कचरे से मुक्त हो सके।
हैरानी की बात यह है कि इसकी जानकारी न ही नगर पालिका के सीएमओ प्रमोद शुक्ला को है और न ही पालिका के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा को है। यही नहीं इस योजना को लेकर किसी भी जनप्रतिनिधि ने सवाल तक नहीं उठाया। सब मौन साधे बैठे रहे।
पालिका सीएमओ की जिम्मेदारी है कि वह इस योजना की मानीटरिंग करें। नोडल अधिकारी नियुक्त करे। महिला स्वयं सहायता समूहों को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एजेंसी नियुक्त करे। मासिक समीक्षा रिपोर्ट ले। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।
दीदी बर्तन बैंक योजना के तहत खरीदे गए बर्तन सिविल लाइंस स्थित मंगल भवन में रखे जाने की बात कही जा रही है। लेकिन इस योजना के तहत अब तक कितने नागरिकों को लाभान्वित कराया गया। प्रति माह कुल कितनी आय हुई इसका रिकार्ड अपडेट नहीं है। खैरागढ़ की जनता को यह तक नहीं पता कि दीदी बर्तन बैंक योजना के तहत वे रियायती दर पर अपने घरेलू या सार्वजनिक कार्यों के लिए कम दर पर बर्तन किराए पर भी ले सकते हैं।
इस योजना से जहां आम लोगों को टेंट हाउस के महंगे किराए के बर्तनों से राहत मिलेगी वहीं महिला समूहों को भी आर्थिक लाभ होगा। यही नहीं सरकारी आयोजनों में दीदी बर्तन बैंक के बर्तनों के उपयोग किए जाने के निर्देश है। पर इस योजना का प्रचार-प्रसार नहीं हो सका।
जनता के हित में दीदी बर्तन बैंक योजना से जुड़ी एक-एक नियम-प्रक्रिया सार्वजनिक किया जाएगा। किसने की लापरवाही, कौन है जिम्मेदार ? पढ़ते रहे cgkranti.com