सीजी क्रांति/दुर्ग। छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिशा बघेल रविवार को दुर्ग जिला स्थित अपने गांव बोरीगारका पहुंची। यहां ग्रामीणों ने उनका जबर्दस्त स्वागत किया। रोड-शो निकाला गया। हिशा का रोड शो मुख्य मार्ग में कई गाड़ियों के काफिले में निकला। पूरे रास्ते डीजे की धुन में लड़के लड़कियां नाचते रहे। गांव के बड़े बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद दिया। रोड शो के दौरान फूलों की बारिश की गई। कई घंटों तक रोड शो के बाद हिशा अपने घर पहुंची। हिशा के हौसले बुलंद थे। उसके चेहरे में खुशियां चमक रही थी। लेकिन हिशा जब अपने घर पहुंची तब पता चला कि उसके पिता की मौत हो चुकी थी। इसकी खबर हिशा को नहीं दी गई थी, ताकि इस हादसे का प्रभाव उसके ट्रेनिंग में न पड़ें।
पिता के न रहने की खबर सुनने के बाद हिशा के चेहरे में मायूसी झलकी लेकिन जल्द ही बहादुर बेटी ने खुद को संभाल लिया। हिशा बघेल का चयन भारतीय नौसेना में अग्निवीर के रूप में हुआ है। वो अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पहली बार गांव लौटी हैं। उनके पिता मुस्कुराते हुए विदा किया था, लेकिन हिशा को यह नहीं पता था कि, वह अपने पिता को अंतिम बार देख रही हैं।
हिशा बघेल का चयन सितंबर 2022 में नौ सेना में महिला अग्निवीर के रूप में हुआ है। हिशा ओडिसा के चिल्का में इंडियन नेवी के सीनियर सेकंडरी का प्रशिक्षण लेकर लौटी हैं। अब हिशा महिला अग्निवीर बनकर देश की सुरक्षा करेंगी। पिता की अंतिम इच्छा थी, कि उसकी बेटी हिशा जब अग्निवीर बनकर वापस लौटे तो उसका भव्य स्वागत हो। उनकी इस अंतिम इच्छा को पूरी करने के लिए हिशा का भाई दुर्ग स्टेशन पहुंचकर बहन को गाड़ी बैठाकर लाया। और फिर पूरे गांव में रोड शो किया गया।
गाड़ी से उतरकर हिशा परेड करते हुए अपने घर की दहलीज पर पहुंचते ही मां से गले लगकर रोने लगी। पिता की फोटो पर माला चढ़ाकर उन्हें सैल्यूट किया। दरअसल हिशा के पिता ऑटो चालक थे, कैंसर की बीमारी से उनका निधन हो गया था। घर वालों ने पिता की मौत की खबर बेटी से छिपाकर रखी थी। जब हिशा अपने गांव पहुंची तब पता चला कि, उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं।
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ऐसे पिता को नमन जो कठिन परिश्रम करके रिक्सा चलाकर बेटी को काबिल बनाया और बेटी ने अग्निवीर के ट्रेनिंग लेकर नियुक्त होकर देश सेवा के लिए निकल पड़ी एैसे जाबाज बेटी कोटी कोटी नमन