सीजी क्रांति/बिलासपुर। शराब बेचने के आरोप में तीन दिन पहले जेल गए युवक की सिम्स अस्पताल में मौत हो गई। युवक की मौत से हैरान परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने झूठे केस में फंसाया है। पुलिस ने छोड़ने के लिए एक लाख रूपए घूस की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर युवक की जमकर पिटाई कर उसे जेल भेज दिया। पुलिस की ज्यादती की वजह से युवक की मौत हो गई। हालांकि पुलिस का पक्ष है कि युवक नशे का आदी था, उसकी तबियत बिगड़ने पर सिम्स में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह स्पष्ट हो जाएगी। युवक की मौत से गुस्साए परिजनों ने सिम्स में जमकर हंगामा मचाया और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय जेल में बंद कोटा क्षेत्र के गनियारी निवासी उमेंद वर्मा (24) पिता रंगलाल वर्मा को पुलिस ने बीते 10 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उसके पास से 13 लीटर महुआ शराब जब्त किया गया था। उसके खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। बताया जा रहा है कि रविवार को जेल में उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए सिम्स भेजा गया। सिम्स में इलाज के दौरान रात में उसकी मौत हो गई।
बेटे की मौत पर सवाल उठाते हुए पिता रंगलाल वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस वाले शुक्रवार को घर आए और उमेंद्र को बिना किसी कारण के उठाकर ले गए। इस दौरान उसके साथ मारपीट की गई। उसे छोड़ने के लिए एक लाख रुपए की मांग की गई। वह 30 हजार लेकर गया था। पैसे नहीं देने पर उसे जेल भेज दिया गया। शनिवार को वह जेल में बेटे से मिलने गया था, तब उसने पुलिसकर्मियों की पिटाई करने और सीने में अंदरूनी चोट होने की जानकारी दी थी।
जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी के अनुसार युवक को जेल दाखिल करते समय मेडिकल कराया गया था। उस समय किसी तरह की चोंट नहीं थी। युवक शराब पीने का आदी था। शराब नहीं मिलने पर जेल में अजीब हरकतें कर रहा था, उसे सिम्स के मनोरोग विशेषज्ञ को दिखाया गया था। इसके बाद दोबारा रविवार को उसी तरह से जेल में अजीब हरकत करने लगा, तब उसे इलाज के लिए सिम्स में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।