सीजी क्रांति न्यूज/अंबिकापुर। डेढ़ साल पहले एमबीबीएस की डिग्री चोरी कर अंबिकापुर में एक युवती खुद को डॉक्टर बताते हुए निजी अस्पताल में ईलाज करने लगी। वह एक निजी अस्पताल में उपचार के नाम पर लोगों की जिंदगी से खेलती रही। डेढ़ साल से वह इस गंभीर अपराध में लिप्त रही।
आश्चर्य की इसकी जानकारी निजी अस्पताल संचालक को हुई न ही स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को भनक लगी। प्रशासनिक स्तर हुई गंभीर अपराध का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि युवती ने चोरी के डिग्री दिखाई, उसी के आधार पर उसे नौकरी भी दे गई। अन्य दस्तावेजों की जांच ही नहीं की गई। बहरहाल आरोपी महिला फर्जी डॉक्टर पुलिस के शिकंजे में फंस चुकी है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खनपुर निवासी डॉ. खुशबू साहू ने इस मामले की रिपोर्ट कोतवाली थाना में दर्ज कराई थी। उसने रिपोर्ट में बताया कि वह लहपटरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के पद पर पदस्थ हैं। मार्च 2021 में वह रायपुर के एमएमआई हॉस्पिटल में चिकित्सक के पद पर ज्वाइन करने के लिए अपने संपूर्ण शैक्षणिक दस्तावेज और एमबीबीएस के सर्टिफिकेट के साथ गई थी। दस्तावेज परीक्षण के बाद किसी ने उन्हें चोरी कर लिया था। इस संबंध में खुशबू साहू ने रायपुर के थाना टिकरापारा में दस्तावेज चोरी की रिपोर्ट भी दर्ज करायी थी।
इसके बाद डॉ.खुशबू साहू को 19 जुलाई को सूचना मिली कि एक अन्य युवती उसके मेडिकल की डिग्री और अन्य दस्तावेजों के आधार पर अंबिकापुर के होलीक्रास हास्पिटल में डॉॅक्टर बनकर काम कर रही हैं। डॉ. खुशबू साहू की शिकायत के बाद पुलिस ने जब इस मामले की जांच की, तो पता चला कि वर्षा वानखेड़े नामक महिला डॉ.खुशबू साहू के एमबीबीएस की डिग्री पर निजी हॉस्पिटल में डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रही हैं।
वर्षा वानखेड़े को हिरासत में लेकर जब पूछताछ किया गया, तो उसने बताया कि वह मूलतः रायपुर के खरोरा क्षेत्र की रहने वाली हैं। उसने बताया कि वह पिछले डेढ़ साल से खुशबू साहू के मेडिकल डिग्री के आधार पर होलीक्रा हॉस्पिटल में डॉ.खुशबू साहू बनकर अपनी सेवाएं दे रही थी।