सीजी क्रांति न्यूज/दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 4 साल पहले 11 वीं की छात्रा 17 वर्षीय श्रंखला यादव के हत्यारे को 20 साल की सजा सुनाई गई है। तब नाबालिग युवक ने एकतरफा प्यार में बालिका की हत्या की थी। इससे पहले आरोपी उसे काफी समय से परेशान कर रहा था। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। आरोपी की हरकत से परेशान होकर श्रंखला ने स्कूल प्रबंधन से शिकायत की थी। तब स्कूल ने आरोपी को स्कूल से रस्टीकेट कर दिया था। उसे बाद भी आरोपी अपनी हरकतों से बात नहीं आया।
13 जून 2019 की दोपहर 3 बजे स्कूटी से सिविक सेंटर पढ़ने जा रही थी। नाबालिग पहले से ही पीछा कर रहा था। घर से करीब एक किमी दूर छत्रपति शिवाजी नगर, गांधीपुरम के पास उसने श्रृंखला को रोक लिया।
श्रृंखला से नाबालिग ने बात करने की कोशिश की। लेकिन उसने इनकार कर दिया। इसके बाद नाबालिग हत्यारे ने कुल्हाड़ी निकाल ली और श्रृंखला के सिर पर वार कर दिया। इसके बाद छात्रा को घसीटकर झाड़ियों में फेंक दिया।
वारदात के कुछ घंटे बाद परिजनों के श्रृंखला के एक्सीडेंट होने का पता चला। वह पहुंचे तब तक पुलिस ने छात्रा को सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती करा दिया था। हालांकि हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने रायपुर रेफर कर दिया। वहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
दो महिलाएं बनी चश्मदीद गवाह, बेटी को न्याय दिलाने ममता ने लड़ी लड़ाई
इस प्रकरण में डीपीएस की शिक्षिका और जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन चश्मदीद गवाह बनी। श्रंखला की मां ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने और भविष्य में किसी और बेटी के साथ एक वारदात करने वालों का हौसला पस्त करने मां ममता यादव ने कानूनी चुनौतियों का सामना किया। वह हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार आरोपी को सजा मिलने तक डटी रही।