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ईतवारी बाजार में छोटी दुकानों के नाम पर करोड़ों रूपए फूंक रहा नगर पालिका प्रशासन, इसकी उपयोगिता पर उठ रहे सवाल, कारोबारी नाराज, नेता भी असहमत!

ईतवारी बाजार में निर्माणाधीन कॉमर्शियल कांपलेक्स

सीजी क्रांति/खैरागढ़। शहर का सबसे व्यस्तम क्षेत्र ईतवारी बाजार में डेढ़ करोड़ खर्च कर कॉमर्शियल कांपलेक्स के नाम पर गुमटीनुमा दुकानें बनाई जा रही है। ईतवारी बाजार में जिस साईज की दुकानें बनाई जा रही हैं, वह पूरी तरह से बेशकीमती जमीन और पैसे का दुरूपयोग है। जबकि व्यवस्थित योजना तैयार कर भविष्य की 30 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर इस प्रोजेक्ट को उपयोगी बनाया जा सकता है।

इन दुकानों के निर्माण से शासन का पैसा अनावश्यक खर्च हो रहा है। दूसरी ओर कारोबारियों के लिए दुकानदारी करने करने के लिए यह गुमटीनुमा कांपलेक्स उपयोगी साबित नहीं होगा।
साईज छोटी होने से दुकानदारों को मजबूरी में बाहर पाटा रखकर दुकानदारी करनी होगी। इससे अतिक्रमण की समस्या पहले की भांति बनी रहेगी। कुल मिलाकर ईतवारी बाजार में करीब 1 करोड़ 30 लाख रूपए के इस प्रोजेक्ट में दूरदृष्टि का अभाव साफ नजर आ रह है।

एक और बड़ी बात ईतवारी बाजार जिला मुख्यालय का सर्वाधिक व्यस्त और प्राईम लोकेशन पर है। भविष्य पर गौर करें यह जगह एक बड़ा चौक का स्वरूप लेगा। वहीं बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए यहां सड़क चौड़ीकरण की आवश्यकता तो सालों से महसूस की जा रही है।

ईतवारी बाजार चौक से रायपुर, बिलासपुर से बेमेतरा होते हुए भारी वाहन दाउचौरा से होते हुए लांजी मध्यप्रदेश और नर्मदा से होते हुए मध्यप्रदेश प्रवेश करती है। वहीं दुर्ग और राजनांदगांव आने जाने वाले दो पहिया—चार पहिया और बड़े यात्री वाहनों का जबर्दस्त दबाव है। लिहाजा सड़क चौड़ीकरण करने की स्थिति में करोड़ों रूपए का बन रहा यह गुमटीनुमा कांपलेक्स यातायात व्यवस्था को प्रभावित करेगा यह तय है। क्योंकि सड़क के सेंटर पाइंट से इसकी दूरी जरूर मापदंड के अनुरूप बताई जा रही है लेकिन व्यावहारिक तौर पर यह पर्याप्त नहीं है।

दुकान के स्टैंडर्ड साईज का नहीं हो रहा पालन

करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी यदि भविष्य को देखते हुए इसकी उपयोगिता सार्थक नहीं हुई तो यह सीधे तौर पर सरकारी पैसे का दुरूपयोग और दूरदर्शिता की कमी ही मानी जाएगी। यह दुकानदार को दुकान के लिए जो स्टैंडर्ड साईज की दुकान मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है। जो दुकान यहां बनाई जा रही है, वहां पान ठेला जैसे छोटी दुकानों के लिए ही पर्याप्त है। अन्य कारोबार यहां करना संभव नहीं है। यहां साढ़े 6 बाई 10 फीट की दुकानें बनाई जा रही है। जो कि दुकान के लिहाजा से काफी छोटी है। इसे लेकर कारोबारियों में नाराजगी है।

कारोबारी नाराज, छोटी दुकान को लेकर विरोध

स्थानीय कारोबारियों ने नगर पालिका से लिखित में आपत्ति जताई है। व्यावसायियों का कहना है कि दुकान की लंबाई—चौड़ाई काफी कम है। जिसमें व्यापार करना बहुत मुश्किल है। कारोबारियों की इस दुकान की साईज कम से कम 8 बाई 10 बनाने की मांग की है। लेकिन नगर पालिका प्रशासन ने इस मांग को नजरअंदाज कर अपनी मंशानुरूप छोटी दुकानों का निर्माण शुरू कर दिए हैं जिसे लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ने लगी है।

पार्षद और पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष भी सहमत नहीं
इस पूरे मामले कांग्रेसी पार्षद व सभापति दीपक देवांगन और भाजपा पार्षद रूपेश देवांगन और पूर्व पार्षद सोनू ढीमर ने कहा कि दुकानों की साईज काफी कम है। इसके बनने से कारोबारियों को कोई फायदा नहीं होगा। अतिक्रमण जैसी समस्या भी जस की तस बनी ही रहेगी। यह पूरा क्षेत्र व्यावसायिक है। सरकारी पैसे और जमीन का उपयोग भविष्य की उद्देश्यों और उपयोगिता के आधार पर की जानी चाहिए। अन्यथा करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद उसका कोई लाभ लोगों को नहीं मिलेगा।
वहीं पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष व जिला भाजपा के महामंत्री रामाधार रजक ने कहा कि ईतवारी बाजार में कांपलेक्स के नाम पर गुमटी बनाई जा रही है। पालिका प्रशासन और नगर पालिका में सत्तासीन कांग्रेस नेता बताए कि इतनी छोटी जगह पर कैसे और किस प्रकार का कारोबार चल सकता है। इस निर्माण में कई तकनीकी पहलुओं और नियमों को भी ताक पर रखा गया है। इसकी ​शिकायत उच्चधिकारियों से भी की जाएगी।

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