सीजीक्रांति/खैरागढ़। भाजपा की सत्ता में ईगनाइट ( इंटीग्रेटेड ग्रुप आफ नेशनल इंटस्ट्रीयल टेक्नलॉजी एग्जीविजन) स्कूल का प्रयोग अब भारी पड़ रहा है। आठवीं कक्षा के बाद स्कूल बंद हो गया है। यानी आठवीं के बाद यहां कक्षा नवमी का उन्नयन नहीं हो रहा है। अब मासूम बच्चों के सामने आगे की पढ़ाई के लिए विकट समस्या खड़ी हो गई है। शुक्रवार को ईगनाइट स्कूल पालक संघ ने ओएसडी डॉ. जगदीश कुमार सोनकर को ज्ञापन सौंप कर अपनी समस्या से अवगत कराया।
पालकों ने मांग रखी कि ईगनाइट स्कूल में 8 वीं पास कर चुके उनके बच्चों को आत्मानंद स्कूल में प्रवेश के लिए प्राथमिकता दी जाए। ओएसडी डॉ.जगदीश सोनकर ने स्पष्ट कर दिया कि आत्मानंद स्कूल में शासन से प्राप्त नियमों के अनुसार ही प्रवेश दिया जाएगा। विशेष व्यवस्था किसी के लिए नहीं होगी। लिहाजा जिन बच्चों ने ईगनाइट स्कूल से आठवीं पास कर ली हैं उन्हें मौजूदा शिक्षा सत्र में आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे स्कूलों में दाखिला लेना होगा?
अब सवाल यह उठता है जो बच्चे पहली से आठवीं तक सीबीएसई पैटर्न में पढ़ाई किए हैं, उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए या तो नगर में सीबीएसई पैटर्न के एकमात्र निजी स्कूल माईल स्टोन में पढ़ाई करनी होगी या फिर उन्हें सीजी बोर्ड के स्कूलों में प्रवेश लेना होगा। स्थिति स्पष्ट है कि गरीब और मध्यम वर्ग के पालक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में नहीं पढ़ा सकते।
पालकों को कुछ लोगों ने यह भ्रम में डाल रखा था कि ईगनाइट स्कूल में 8वीं पास कर चुके बच्चों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा या उन्हें प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी। यहां व्यवहारिक दिक्कत यह आ रही है कि आत्मानंद स्कूल में प्रवेश के लिए जो मार्गदर्शिका बनाई गई है, उसमें स्पष्ट उल्लेख है कि 1 से 10 वीं कक्षा में 50—50 सीटें है। प्रवेश के लिए आवेदनों की संख्या तय सीटों से अधिक होगी तो बच्चों का प्रवेश लाटरी सिस्टम से होगा। आत्मानंद में प्रवेश की व्यवस्था पूर्व निर्धारित है,जहां ईगनाइट स्कूल के बच्चों को प्रवेश के लिए विशेष प्रावधान का कहीं कोई उल्लेख नहीं है।
पढ़ाई सीबीएसई पैटर्न में, प्रमाण पत्र सीजी बोर्ड का!
ईगनाइट स्कूल के शिक्षण व्यवस्था में हैरत की बात यह सामने आई है कि यहां कक्षा पहली से आठवीं तक सीबीएसई पैटर्न में पढ़ाई हो रही है लेकिन प्रमाण पत्र सीजी बोर्ड जारी कर रहा है। इस लापरवाही का खमियाजा अब छात्रों को भुगतना पड़ेगा। क्योंकि जो बच्चे आठवीं पास कर चुके हैं, उन्हें 9 वीं कक्षा मेें प्रवेश के लिए सीबीएसई स्कूल प्रवेश किस आधार में देंगे।
ईग्नाइट स्कूल के लिए 2019 में हुई थी 462 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के 154 ईग्नाइट स्कूलों के लिए सन 2019 को 462 शिक्षकों के लिए भर्ती परीक्षा हुई थी। इसमें विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी के लिए शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इस परीक्षा से पासआउट दो शिक्षक अभी आंग्ल माध्यमिक स्कूल में पदस्थ हैं।
ईग्नाइट स्कूल की शिक्षण व्यवस्था पर एक नजर
ईग्नाइट अंग्रेजी स्कूल की शुरुआत 2018—19 में हुई। जानकारी के अनुसार ईग्नाइट का फूल फॉर्म इंटीग्रेटेड ग्रुप आफ नेशनल इंटस्ट्रीयल टेक्नलॉजी एग्जीविजन बताया जाता है? बोलचाल की भाषा में इसे जरूर ईग्नाइट स्कूल कहा जाता है लेकिन इसका मूल नाम जिस नाम के स्कूल में खुलता है, वहीं होता है।
यहां सीबीएसई पैटर्न में पढ़ाई होती है। इसमें विसंगति यह है कि प्रमाण पत्र यानी अंकसूची छग बोर्ड का दिया जाता है। शुरूआत में तुरकारी पारा के नंबर—1 स्कूल में पहली कक्षा से इसकी शुरूआत हुई, और लगातार हर वर्ष अपग्रेड होते हुए यह पांचवी तक पहुंच गई है। वहीं न्यू बस स्टैंड के आंग्ल माध्यमिक शाला में कक्षा छठवी से कक्षाएं शुरू हुई जो अपग्रेड होकर आठवीं तक पहुंच चुकी है।
नंबर—1 स्कूल में पहली से पांचवी तक की कक्षा के लिए कुल 6 शिक्षक है। वहीं आंग्ल माध्यमिक शाला में 143 विद्यार्थी हैं। वहीं इतने बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां मात्र 5 शिक्षक पदस्थ हैं।