सीजी क्रांति न्यूज/छुईखदान। साल्हेवारा बांध फूटने के बाद बाढ़ से प्रभावितों को आखिरकार तय समय में मुआवजा राशि नहीं मिली। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने आश्वासन दिया था कि 10 दिन के भीतर बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा राशि आवंटित कर दिया जाएगा। कलेक्टर के आश्वासन में अच्छी बात यह रही कि मुआवजा राशि तय कर दी गई है। राजस्व अमले ने कलेक्टर के आदेश पर निरीक्षण व भौतिक सत्यापन कर नुकसान का आकलन तो कर लिया है लेकिन मुआवजा राशि अधिक होने के कारण अब यह राशि की मांग राज्य सरकार से की जाएगी।
बांध फूटने के बाद बाढ़ से 75 परिवारों को नुकसान हुआ है। छुईखदान के राजस्व विभाग ने नुकसान का आकलन 55 लाख 25 हजार रूपए किया है। जिसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन ने उच्च विभाग को भेज दिया है! अब पीड़ितों को राहत तब ही मिलेगी जब उच्च विभाग से मुआवजा राशि स्वीकृत की जाएगी।
बता दें कि 15 सितंबर को जिले में हुई भारी बारिश की वजह से ग्राम साल्हेवारा में लगभग 56 वर्ष पूर्व बनाये गये बांध के नीचले हिस्से में दरार आने के साथ गड्ढा हो गया, जल स्तर बढऩे से बांध का पानी पीचिंग के ऊपर आ गया और दोपहर होते तक बांध फूट गया। जिसमें साल्हेवारा के झोरी पारा में भारी नुकसान हुआ। दर्जनों मकान ढह गए। बाढ़ में घर मंे रखे जरूरी सामान और दस्तावेज तक बह गए।
घटना की सूचना पर केसीजी कलेक्टर गोपाल वर्मा तत्काल घटना स्थल पहुंचे। उन्होंने हालात का जायजा लिया। राहत व बचाव कार्य में तेजी लाई। कलेक्टर के निर्देश पर 2 राजस्व निरीक्षकों और 12 पटवारियों का दल प्रभावित बस्ती में घर-घर जाकर जाकर आर्थिक क्षति का आँकलन रिपोर्ट तैयार किया। इसमे पूर्ण और आंशिक क्षतिग्रस्त मकान, बाढ़ में बह गई सामग्री और खेतों में हुई फसल के नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा गई।
कलेक्टर ने राजस्व दल को पूर्ण क्षति आँकलन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन घरों में बाढ़ से हानि हुई है वहां सर्वे कर आरबीसी 6-4 के तहत तत्काल प्रकरण बनाकर एक सप्ताह में सहायता राशि पहुंचाई जाए। हालांकि व्यावहारिक दिक्कतों की वजह से ऐसा नहीं हो पाया।