सीजी क्रांति/जगदलपुर। बस्तर के वनांचल क्षेत्रों में आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करवा कर उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है। इसे लेकर गांवों में तनाव की स्थिति है। परिवार आपस में लड़ रहे हैं। स्थानीय परंपराएं, रिती-रिवाज भी खतरे में हैं। माह भर पहले इन्हीं गांवों में दो पक्षों के बीच तनाव पैदा हुआ था। फिर वहीं स्थिति निर्मित हो रही है। गांव के लोग कलेक्टोरेट पहुंचे। वहीं अपनी समस्या बताई। नाराजगी जाहिर की। प्रशासनिक अफसरों के बताया गया कि रिश्तेदार आपस में लड़ रहे हैं। आदिवासी संस्कृति को पूरी तरह से खत्म किया जा रहा है।
सर्व आदिवासी समाज के उपाध्यक्ष महेश कश्यप ने कहा कि, ग्रामीणों ने ग्राम सभा की है। जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि, सरकार और प्रशासन कहती है कि, धर्मांतरण नहीं हो रहा है तो फिर जिन गांव में चर्च बने हुए हैं तो उन चर्चों को हटाया जाए। कब्रिस्तान बने हैं तो उन्हें भी हटाया जाए। इसके साथ ही ग्राम सभा में यह भी निर्णय लिया गया है कि जो लोग अपने मूल धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिए हैं अगर वे अपने धर्म में वापस आना चाहें तो आ सकते हैं।
मामला बस्तर जिले के तोकापाल विकासखंड के भेजरीपदर और माटकोट गांव का है। इस गांव के आदिवासी शुक्रवार को जगदलपुर के कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके मुताबिक भेजरीपदर समेत आस-पास के गांवों में आदिवासियों से जबरदस्ती धर्म बदलवाया जा रहा है। ईसाई धर्म अपनाने से भाई-भाई में झगड़ा हो रहा है। सभी आपस में लड़ रहे हैं। भारी संख्या में आदिवासियों के धर्म बदलने से सालों से चली आ रही परंपराएं भी खत्म होती जा रही है।
डिप्टी कलेक्टर ए आर राणा ने कहा, माटकोट गांव के ग्रामीणों ने ग्रामसभा की है। इसमें उन्होंने 12 बिंदुओं पर कुछ निर्णय लिया। इसका ज्ञापन प्रशासन को सौंपा गया है। जल्द ही इस पर एक्शन लिया जाएगा।