सीजी क्रांति/खैरागढ़। बाजार अतरिया निवासी 75 वर्षीय पीलू राम वर्मा बीते 08 माह से अपने खेत का सीमांकन कराने तहसीलदार और कलेक्टर कार्यालय का चक्कर काटने मजबूर है। 90 प्रतिशत अस्थि बाधित बुजुर्ग पीलू राम ने बताया कि उसने खैरागढ़—धमधा मार्ग पर खसरा नं. 859/1 रकबा 0.040 हे. 859/3 रकबा 0.0151 हे. के सीमांकन के लिए पिछले साल 9 जुलाई 2020 को खैरागढ़ तहसीलदार के कार्यालय में आवेदन दिया था।
इसके बाद 7 जनवरी 2021 को आरआई द्वारा उनके खेत का सीमांकन किया गया है। सीमांकन की कार्यवाही से असंतुष्ट होकर कलेक्टर राजनांदगांव और खैरागढ़ तहसीलदार को दिनांक 22 जनवरी 2021 को पुन: सीमांकन करने के लिये आवेदन प्रस्तुत किया गया है, लेकिन कलेक्टर और तहसीलदार ने उसके आवेदन पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई।
थक—हारकर पीलूराम ने 27 फरवरी 2021 को न्यायालय राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन दुर्ग में अपने खेत का सीमांकन कराने गुहार लगाई। न्यायालय ने कलेक्टर राजनांदगांव को पीलूराम के आवेदन का निराकरण करने पत्र लिखा, लेकिन इसके बावजूद पीलूराम के खेत का सीमांकन नहीं किया गया।
आठ माह से अपने खेत का सीमांकन कराने राजस्व अफसरों के चक्कर लगा—लगा कर थक चुके दिव्यांग बुजुर्ग पीलूराम आज फिर से कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाने अपने पुत्र के साथ राजनांदगांव पहुंचा लेकिन साहब नहीं मिले।बुजुर्ग ने कलेक्टर के नाम से डिप्टी कलेक्टर श्री रामटेके को अपना शिकायती पत्र सौंपा है, जिसमें पीलूराम ने बताया है कि आरआई ने खैरागढ़—धमधा मार्ग पर खसरा नं. 859/1 रकबा 0.040 हे. 859/3 रकबा 0.0151 हे. का सीमांकन गलत किया है, आरआई द्वारा 10 डिसमील जमीन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से कर दिया गया है। पीड़ित बुजुर्ग ने कलेक्टर से अपने खेत का सही सीमांकन कराने की मांग की है।