सीजी क्रांति न्यूज/खैरागढ़। खैरागढ़ विधानसभा से टिकट फाइनल होने के बाद विक्रांत सिंह गुजरात प्रवास से सोमवार को खैरागढ़ लौटे। यहां उत्साहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। पूरे विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के लोगों ने श्री सिंह से खैरागढ़ स्थित उनके निवास में मुलाकात की। इस अवसर पर सीजी क्रांति से विक्रांत सिंह ने खास चर्चा की।
राजू यदु- खैरागढ़ में जातिवाद हावी है। इस बीच आपको टिकट मिली है। कैसे भेदेंगे जाति वाद को ?
विक्रांत सिंह- खैरागढ़ में जातिवाद जैसा कुछ नहीं है। भाजपा से सभी वर्ग के लोग जुड़े हैं। भाजपा सबके लिए और सब भाजपा के हैं। टिकट की घोषणा के बाद से सभी वर्गों के लोगों से मुझे बधाई व शुभकामनाएं मिल रही है। भाजपा में निष्ठा से काम करने पर हर कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपी जाती है। इस बार मुझे विधानसभा जीतने की जिम्मेदारी मिली है और कार्यकर्ताओं के दम पर भाजपा की जीत होगी।
राजू यदु- भाजपा पिछला 3 चुनाव हार चुकी है। ऐसे में आप जीतने के लिए क्या रणनीति अपनाएंगे।
विक्रांत सिंह- लोकतंत्र में जीत और हार का फैसला जनता करती है। जनता के बीच भाजपा के कार्यों को लेकर जाएंगे। पीएम मोदी जी के विकास कार्यों का ब्योरा जनता के दरबार में रखेंगे। पार्टी के वरिष्ठों का आशीर्वाद लेंगे। कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर घर-घर में दस्तक देंगे। उनकी समस्याओं को सुनेंगे। अपनी खामियों पर भी गौर करेंगे। जीत की एक ही रणनीति होगी, काम, व्यवहार और जनता का आशीर्वाद।
राजू यदु – आपके टिकट मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस, भाजपा पर परिवारवाद का आरोप लगा रहा है।
विक्रांत सिंह- देखिए मैंने भाजपा में छात्र राजनीति से शुरूआत की। उसके बाद लगातार नगर पंचायत, नगर पालिका, जनपद पंचायत और अभी जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद पर हूं। मैंने जमीनी स्तर पर मेहतन कर सीढ़ी दर सीढ़ी यहां तक पहुंचा हूं। इस मुकाम पर पहुंचने में करीब 25 वर्ष लग गए। कोरोना काल के कुछ महीने छोड़ दें तो शायद ही कोई एक दिन भी ऐसा हो, जब क्षेत्र के दौरे पर न रहा हूं। जनता के सुख-दुख हर मौके पर मैंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की। मुझ पर या भाजपा पर परिवारवाद का आरोप सिर्फ राजनीतिक हथकंडा है। कांग्रेस के इस आरोप का जवाब जनता देगी। जनता का आशीर्वाद और प्यार के फलस्वरूप मेरी जीत के साथ कांग्रेस का आरोप बेअसर साबित हो जाएगा।
राजू यदु- एकाएक आपका नाम फाइनल हो गया। जबकि भाजपा में और भी कई दावेदार थे। ऐसे उनकी स्वाभाविक नाराजगी या गुटबाजी से कैसे निपटेंगे।
विक्रांत सिंह- मेरा नाम एकाएक फाइनल नहीं हुआ है। ये हो भी नहीं सकता। पार्टी में प्रत्याशी चयन के लिए गाईडलाइन होती है। हर पार्टी में एक से अधिक दावेदार होते हैं और होने भी चाहिए। लेकिन टिकट किसी एक को ही मिलता है। रही बात गुटबाजी की तो, भाजपा के सच्चे सिपाही गुटबाजी का कभी हिस्सा नहीं होते है। हां आपसी प्रतिस्पर्धा होती है। लेकिन प्रतिद्वंद्विता शब्द भाजपा के संस्कार में ही नहीं है।
राजू यदु- विधानसभा के कई हिस्सों में आपको कमजोर माना जा रहा है। इस पर आप क्या कहेंगे ?
विक्रांत सिंह-मैंने पूरी ईमानदारी से पूरे क्षेत्र में जनसंपर्क किया। लोगों का निजी और सार्वजनिक कार्य भी किए। सुख-दुख में सहभागी रहा। विधानसभा चुनाव मैं अकेले नहीं लड़ूंगा। मेरा काम और व्यक्तित्व संपूर्ण है यह भी नहीं कहूंगा। हर इंसान में ढेरों खूबियां है, तो खामियां भी है। मैं उससे परे कैसे हो सकता हूं। एक व्यक्ति को सामने रखकर, संगठन और पार्टी कार्यकर्ता चुनाव लड़ते हैं। ये पूरी लड़ाई पार्टी लड़ेगी। एक एक कार्यकर्ता पार्टी का प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरेगा। भाजपा और पीएम मोदी की योजनाओं से लाभान्वित जनता और उनके देशहित में किए कार्यों से प्रभावित लोगों का सहयोग मिलेगा।