सीजी क्रांति/खैरागढ़। मरीजों के लिए संजीवनी बनने वाली 108 एंबुलेंस स्टाफ की हीलाहवाली से सवालों के घेरे में आ गई हैं। कुछ ऐसा ही मंगलवार को हुआ।
परिजनों ने बताया कि ग्राम पेंड्रीकला निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग छेदीलाल पिता फेरूराम टंडन कुछ महीने पहले बुजुर्ग फिसलकर घर पर ही गिर गया था जिससे कमर व रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर हुआ था, उपचार जारी था लेकिन वयोवृद्ध छेदीलाल इसके बाद से और अधिक बीमार रहने लगा. सोमवार की शाम 4 बजे तबियत बहुत अधिक बिगड़ जाने के कारण परिजनों ने 108 से मदद की गुहार लगाई लेकिन डेढ़ घंटे इंतजार के बाद भी 108 की सेवा जरूरतमंद परिवार को नहीं मिल पायी.
अंतत: किसी तरह पड़ोसियों से मदद लेकर प्राईवेट वाहन से बुजुर्ग को खैरागढ़ सिविल अस्पताल लाया गया जिसके बाद बुजुर्ग का प्राथमिक उपचार शुरू हुआ. स्थिति नहीं सुधरने पर यहां चिकित्सकों ने शाम 5 बजे बुजुर्ग को राजनांदगांव जिला अस्पताल रिफर कर दिया लेकिन राजनांदगांव उपचार के लिये फिर परिजनों ने 108 से गुहार लगाई.
108 की टीम द्वारा लगातार परिजनों को इंतजार करने और सुविधा भेजने का हवाला दिया जाता रहा लेकिन रात 8 बजे तक 108 नहीं पहुंची थी और इसके बाद मामले की जानकारी होने पर मरीजों की मदद के लिये कार्यरत बेन्द्रीडीह निवासी दिलीप श्रीवास्तव सिविल अस्पताल पहुंचे और 108 की टीम से बुजुर्ग की खराब स्थिति को लेकर बात की तब कहीं जाकर 15 मिनट बाद रात्रि 8:15 बजे संजीवनी 108 सिविल अस्पताल पहुंची और बुजुर्ग को जिला अस्पताल रिफर किया गया लेकिन मंगलवार की सुबह बुजुर्ग ने अंतत: दम तोड़ दिया.