सीजी क्रांति/रायपुर। अंबिकापुर में हुए प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा बड़ा मुद्दा नहीं ढूंढ पाई। अब बूथ स्तर पर छोटे मुद्दों को उठाकर आंदोलन खड़ा करने की रणनीति पर भाजपा काम करने की तैयारी में जुटेगी। पिछले 4 सालों में भाजपा ने कांग्रेस को जितनी बार घेरने की कोशिश की खुद ही बैकफुट पर आ गए।
भाजपा में संगठनात्मक बदलाव के बावजूद नए चेहरों का असर कम और पुराने नेताओं का प्रभाव ज्यादा दिख रहा है। लिहाजा कार्यकर्ताओं में जिन पुराने नेताओं को लेकर आक्रोश है, उसे दूर करने संगठनात्मक बदलाव निष्प्रभावी साबित हो रहा है।
छत्तीसगढ़ियावाद, किसान, हिदुत्व सभी मुद्दों पर कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया माहौल बनाने में सफलता अर्जित कर ली। भूपेश छत्तीसगढ़िया परंपरा, संस्कृति को बढ़ाने, उन्हें सहजने में अभिनव पहल की। जो भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में नहीं हो सका। राम वनपथ गमन, चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर का भव्य निर्माण हो, गोबर खरीदी और मूत्र खरीदी कर उन्होंने गौ माता के संरक्षण समेत बड़ी संख्या में पशुपालकों को भी प्रोत्साहित किया। किसानों का कर्जा माफ समेत अपने वादे के अनुरूप धान खरीदी समेत अन्य किसान संबंधी लाभकारी योजनाएं तैयार कर प्रदेश के किसानों के बीच अपनी मजबूत पकड बना ली है। गांव—गांव में मानस गान प्रतियोगिता आयोजित कर जहां हिंदुत्व की दिशा में चुपके से काम किया जा रहा है तो वहीं इस आयोजन के जरिए कांग्रेस छोटी—छोटी मानस मंडलियां भी कांग्रेस के इस कार्य से प्रभावित हो रहे हैं। राजीव युवा मितान क्लब के जरिए बड़ी संख्या में युवाओं को जोड़ने में भी कांग्रेस सफल हुई है। यही नहीं छत्तीसगढ़िया ओलंपिक आयोजित कर छत्तीसगढ़ की खेल संस्कृति को बढ़ावा देकर युवाओं को आकर्षित किया है।
युवा चेहरों को आगे बढ़ाया
कांग्रेस ने 2018 विधानसभा चुनाव में अधिकांश युवा व नए चेहरों को टिकट दिया। उन्हें आगे बढ़ाया। पार्टी में सेकंड व थर्ड लाइन तैयार की। जबकि भाजपा ने नए चेहरों को महत्व देने की बजाए घिसे—पिटे चेहरों को ही सामने रखा और अब भी रखा हुआ है। आज प्रदेश में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में युवा चेहरों की भरमार है।