राहुल गांधी से मिलने वाला छत्तीसगढ़ का किसान भागवत वर्मा ने वैष्णो देवी की यात्रा पर लगे आरोपो को लेकर सीजी क्रांति डॉट कॉम से खास बातचीत की। किसान ने सभी राजनीतिक आरोपों को सिरे से खारिज किया है। कहा – वैष्णो देवी की यात्रा पर अपने पैसों से गये हैं। राज्य सरकार या किसी कांग्रेसी नेता ने नहीं भेजा है।
सीजी क्रांति/खैरागढ़। जम्मू में माता वैष्णो देवी मंदिर की पदयात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की छत्तीसगढ़ के किसान परिवार से हुई मुलाकात के बाद से ही राजनांदगांव जिले के रेंगाकठेरा निवासी भागवत वर्मा इन दिनों सुर्खियों में है।
दरअसल दो महीने पहले मुख्यमंत्री निवास में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में इसी किसान ने भूपेश बघेल को सरकारी योजनाओं से मिले लाभ के बारे में बताया था। वैष्णो देवी मंदिर में भागवत वर्मा ने राज्य सरकार के योजनाओं की तारीफ करते हुये राहुल गांधी को बताया था कि उसने गोधन न्याय योजना में गोबर बेचकर अब तक 85 हजार रूपए की कमाई कर ली है और इन पैसों से एक स्कूटी भी खरीदी है।
आपको बता दें कि राहुल गांधी से मिलने वाला भागवत वर्मा 35 एकड़ में खेती करने वाला बड़ा किसान है। वे ग्राम बखत रेंगाकठेरा के पूर्व सरपंच है, वर्तमान में सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष है। उनकी बहू भी सरपंच रह चुकी है। भागवत सेवा सहकारी समिति बखत रेंगाकठेरा के अध्यक्ष व लोधी समाज के सर्किल अध्यक्ष है। इससे पूर्व वे जनपद सदस्य का चुनाव भी लड़ चुके है। किसान भागवत वर्मा कांग्रेस विधायक विधायक भुनेश्वर बघेल के करीबी माने जाते है। क्षेत्र में भागवत वर्मा को कट्टर कांग्रेसी के रूप में भी जाना जाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राहुल गांधी और किसान परिवार की मुलाकात पर सवाल उठाते हुये भूपेश सरकार से पूछा है, कि — ‘यह संयोग है या राहुल गांधी जी को रिझाने का प्रयोग है ? वहीं सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेताओं के पैसों से किसान परिवार को वैष्णो देवी की यात्रा पर भेजने का भी आरोप लगाया जा रहा है।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद उठे विवाद को लेकर किसान भागवत वर्मा से सीजी क्रांति डॉट कॉम ने दूरभाष पर खास बातचीत की। बातचीत के दौरान किसान ने बताया कि अभी वे अमृतसर में है और दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे है। दिल्ली घूमने के बाद उनकी हवाई यात्रा से छत्तीसगढ़ आने की प्लानिंग है। वे संभवत: 14 सितंबर को वापस राजनांदगांव लौटेंगे।
जब हमने उनकी यात्रा पर लगे आरोपो के बारे में पूछा तो, भागवत वर्मा ने सभी आरोपों को तथ्यहीन और बेबुनियाद बताया है। उसने कहा माता वैष्णो देवी की दर्शन के लिए 27 अगस्त को 08 लोगों का टिकट बुक करा लिया था।
9 सितंबर को वैष्णो देवी मंदिर की सीढ़ी चढ़ते वक्त राहुल गांधी से उनके परिवार की मुलाकात अचानक हुई है। इससे पहले उन्हें राहुल के मंदिर आने की जानकारी नहीं थी।
राज्य सरकार के खर्च में यात्रा करने के आरोप को लेकर भागवत ने बताया कि — उन्हें किसी सरकार या नेता ने नहीं भेजा है। वे अपने पैसे से माता वैष्णो देवी की दर्शन के लिये परिवार के साथ आये हुये है, उन्हें किसी की मदद की जरूरत नहीं है। उनके पास 35 एकड़ खेत है। 2 ट्रैक्टर है, हार्वेस्टर है। पिछले साल 8 सौ कट्टा धान बेचा था। उन्होंने राहुल गांधी के साथ मुलाकात को मात्र संयोग बताया है।
राहुल गांधी से किसान परिवार की मुलाकात संयोग है या प्रयोग ये आने वाला वक़्त बताएगा लेकिन इस पर छत्तीसगढ़ में सियासत आगे और तेज होगी।