सीजी क्रांति/रायपुर. संसद के मानसून सत्र के एक दिन पहले ’पेगासस जासूसी मामला’ के खुलासे के बाद देशभर में मचे सियासी घमासान के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है.
पेगासस जासूसी मामले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पेगासस कंपनी के लोग छत्तीसगढ़ आए थे. यहां कुछ लोगों से संपर्क किया था. पेगासस कंपनी का कहना है कि वह केवल सरकार को ही सेवाएं देते हैं तो भारत सरकार को बताना चाहिए उन्होंने इसकी सेवा ली है या नहीं ? डील हुई है तो कितने की हुई और किससे हुई ? यह कितने दिनों के लिए हुआ ? मंत्रियों की जासूसी करा रहे हैं, विपक्ष के नेताओं की जासूसी करा रहे हैं. पत्रकारो से सबसे ज्यादा डरते हैं। क्योंकि सबसे ज्यादा जासूसी पत्रकारों की हुई है.
भारत सरकार को बताना चाहिए कि जासूसी कराने का उद्देश्य क्या था. ये पूरे देश को जानने का हक है कि उनसे डील हुई कि नहीं हुई और हुई तो क्या हुई ? सीएम बघेल ने ’पेगासस जासूसी मामला’ को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को भी घेरा, कहा – रमन सिंह को बताना चाहिए वे लोग कौन है ? किससे मिले, क्या डील हुई ?
क्या है ’पेगासस जासूसी मामला’ ?
रविवार को मानसून सत्र के ठीक पहले एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आई. इस रिपोर्ट मेंदुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों के कंसोर्टियम ने जारी की. रिपोर्ट के सामने आने के बाद देश में सियासी भूचाल आ गया. इस रिपोर्ट में बताया गया की इजरायल के पेगासस स्पाईवेयर (Pegasus Spyware) से भारत में कई नेताओं, पत्रकारों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों का फोन हैक किया गया है.
रिपोर्ट में 150 से ज्यादा लोगों के फोन हैक करने की बात कही गई है. वहीं, भारत में कम से कम 38 लोगों की निगरानी की बात कही गई. हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया. साथ ही यह भी कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां निजता मौलिक अधिकार है.