सीजी क्रांति/खैरागढ़। खैरागढ़ उप विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने का हवाला देकर प्रदेश भाजपा संगठन ने खैरागढ़ विधानसभा के छुईखदान, गंडई मंडल के पांच पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया। पार्टी के इस निर्णय के खिलाफ सोशल मीडिया में जबर्दस्त विरोध हो रहा है। कार्यकर्ता पार्टी के इस निर्णय को गलत ठहरा रहे हैं। इसी कड़ी में अब जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह का नाम भी जुड़ गया है। विक्रांत सिंह सोशल मीडिया में पार्टी के निर्णय को गलत ठहरा रहे हैं। विक्रांत का कहना है कि कार्यकर्ताओं ने पूरी ईमानदारी और अपनी क्षमतानुसार काम किया है। उन्होंने सत्तापक्ष पर यह आरोप भी लगाया है कि उन्होंने सरकारी तंत्र का दुरूपयोग किया। पैसा, शराब, साड़ी तक का उपयोग किया।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विक्रांत सिंह ने क्या लिखा है, हु-ब-हू पढ़ें ….
‘‘साथियो सादर नमस्कार आप सभी को धनतेरस की बधाई……‘‘
विधानसभा उप चुनाव को 7 महीने हो गये है… इस चुनाव में सभी कार्यकर्त्ताओं ने पूरी ईमानदारी और उनकी क्षमता के अनुसार कार्य भी किया है…..प्रदेश भर के नेताओं को बूथों में वोटिंग तक लगाया गया था जिनके निर्देश, प्रत्यक्ष उपस्थिती एवं सहयोग से उप चुनाव लड़ा गया था….
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस चुनाव में सरकारी तंत्र के साथ-साथ पैसा शराब साड़ी और सामग्री का भरपूर दुरपयोग किया पर विधानसभा का भाजपा कार्यकर्त्ता अडिग होकर दमदारी से कार्य करता रहा…
पुरे प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं ने खैरागढ़ चुनाव में खैरागढ़ विधानसभा भर के कार्यकर्ताओं के मेहनत की प्रशंसा भी की…
अभी कल अचानक कुछ कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया जो समझ से परे है…
यहाँ तक चुनाव प्रमुख संचालक और मण्डल प्रभारियों तक को इसकी कोई जानकारी नहीं है….इस कार्यवाही के साथ साथ एक बुरा पहलू हमारे चुनाव संचालक को उनके रिश्तेदार का नाम लेकर उनके कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाना है….जिस व्यक्ति की पार्टी के प्रति ईमानदारी की मिशाल पूरा छत्तीसगढ़ देता है उन पर ऐसा गलत प्रचार करके उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास है वो हम कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से अस्वीकार है…..
निष्कासितो को किस बात के लिए पार्टी से निकाला गया ये स्पष्ट जवाब कोई नहीं दे पा रहा है ….
साथियो पार्टी को कमजोर करने, पार्टी को छिन्न भिन्न करने की घिनोनी कोशिश की जा रही है जो होने नहीं दिआ जायेगा…..
खोखली ईमानदारी का ढ़ोल पीटने वालों खुद पार्टी छोड़ कर और पार्टी में रहते हुए पार्टी की नीव में मठा डालने वालो के प्रमाण पत्र की जरुरत हमारे ईमानदार कार्यकर्ताओ को नहीं है…….मै व्यक्तिगत रूप से पार्टी के इस निर्णय से सहमत नहीं हूँ और हम सब ये प्रयास करें की पार्टी अपना निर्णय जल्दी वापस ले… इन षडयंत्रकारीयों से हमें एक होकर निपटना होगा
हम सबको संगठित रह कर पार्टी को और मजबूत करना होगा….
भाजपा जिंदाबाद