सीजी क्रांति/खैरागढ़। दो साल कोरोना संकट से जुझने के बाद आखिरकार खैरागढ़ में दशहरा का उल्लास लौट आया। बुधवार को ईतवारी बाजार में 52 फीट रावण का दहन किया गया। इसके पहले नवरात्रि में दशहरा उत्सव समिति और नगर पालिका की ओर से विभिन्न आयोजन किया गया। जिसका नगर की जनता ने जमकर आनंद उठाया।
बुधवार को बांके बिहारी मंदिर से रैली निकाली गई। जिसमें नगर के तमाम जनप्रतिनिधिगण समेत आम जनता शामिल हुई। फतेह मैदान और ईतवारी बाजार में सांस्कृतिक कार्यकम का लोगों ने लुत्फ उठाया। शाम के वक्त बारिश होने के बाद भी लोगों में उत्साह की कमी नहीं देखी गई। हालांकि इस बार पहले की अपेक्षा भीड़ कम रहा। इसके पीछे वजह यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस बार स्थानीय स्तर पर दशहरा और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। दशहरा उत्सव समिति और नगर पालिका की ओर से इस बार नवरात्रि के दौरान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, देवी जगराता, गरबा, मया के चिन्हारी रायपुर, अर्जुंदा की सांस्कृतिक संस्था चिन्हारी ने विभिन्न कार्यक्रम हुए।
देवव्रत सिंह को लोगों ने किया याद
पूर्व विधायक देवव्रत सिंह की मौत के बाद इस बार शाही सवारी नहीं निकली। फतेह मैदान में रावण दहन भी नहीं हुआ। इस अवसर पर क्षेत्र की जनता और उनके समर्थकों में देवव्रत सिंह को दुखी मन से याद किया। उनकी कमी लोगों को खली। बता दें कि क्षेत्र की जनता ही नहीं बल्कि कई लोग दलगत राजनीति से उठकर देवव्रत की शाही सवारी के दर्शन करने पहुंचते थे। ऐसा पहली बार हुआ कि देवव्रत सिंह के बगैर दशहरा उत्सव मनाया गया।