सीजी क्रांति/खैरागढ़। शहरी सत्ता में कब्जा जमाने के बाद कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा हैं। यहां संगठन के लोग आपस में ही अलगाव नजर आ रहे है। बाहरी नेताओं की बढ़ती दखलंदाजी से पार्टी के शहरी नेता ही नाराज दिख रहे हैं। लेकिन पार्टी के ऊंचे ओहदे में होने की वजह से कुछ कह भी नहीं पा रहे हैं। खबर तो यहां तक है कि कांगेसी पार्षद भी दो फाड़ में बट गए है? वहीं नवनिर्वाचित अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा को ही जमकर घुडक़ी दी है।
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इसी बीच शहर कांग्रेस अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़ के बेटे का एफबी पोस्ट पर संगठन में बवाल, एफबी में लिखा- सत्ता के नसे में चूर बाहरी कांग्रेसी नेता, कार्यकर्ता को अपना बंधवा मजदूर समझ रहे हैं…!
पढि़ए…सोशल मीडिया प्लेटफार्म एफबी सुमित जैन का पोस्ट
आगामी 18 जनवरी को खैरागढ़ विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन होने वाला है, तो मैं खैरागढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस जनों एवं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से निवेदन करूंगा कि वो उस बैठक में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करें और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम जी से मिल के खैरागढ़ में संगठन की अनदेखी की शुरुआत को उनके सामने रखे और खैरागढ़ के बाहर के नेताओं के जबरदस्ती के दखल को रोकने का निवेदन करेंगे। क्योंकि खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव में पार्षदों की जीत का श्रेय खैरगढ़ के कार्यकर्ताओं को तो छोड़ बिचारे पार्षदों को भी नहीं मिल रहा है।
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प्रदेश संगठन तक ये बात पहुंचाई गई है कि बाहर के नेताओं ने अपने दम पे 10 पार्षद जीता दिया। इसका मतलब खैरागढ़ के किसी कार्यकर्ता ने कुछ किया ही नहीं, न ही यहाँ की जनता ने वोट डाला बाहर का नेता आया खुद ही वोट डाला और पार्षद जीत गए दुर्भाग्य की बात है कि सत्ता के नशे में चूर लोग कार्यकर्ताओं को अपना बंधुआ मजदूर समझने लगे है। लेकिन सबको समझना पड़ेगा कि बिना स्थानीय कार्यकर्ता की मेहनत के कोई चुनाव जीतना, तो दूर लड़ा भी नहीं जा सकता। इसलिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी से निवेदन करेंगे कि कार्यकर्ताओं का मान सम्मान उनके हाथों में है, अगर उन्होंने इसपे कुछ नहीं किया, तो विधानसभा में इसका परिणाम देखने को मिलेगा खैरागढ़ के कांग्रेस संगठन के नेता एवं यहां के कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जाए।
1 thought on “खैरागढ़: शहर कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे का FB पोस्ट पर संगठन में बवाल, लिखा- सत्ता के नशे में चूर बाहरी कांग्रेसी नेता, कार्यकर्ता को अपना बंधुआ मजदूर समझ रहे हैं…!”
What happend to making Khairagarh District ?