सीजी क्रांति/कवर्धा। मुख्य रजिस्ट्रार छत्तीसगढ़ द्वारा जारी नए आदेश से जन्म और मृत्यु के पुराने प्रकरणों का पंजीयन सरल हो गया है। इस आदेश के बाद अब किसी भी व्यक्ति को उनके परिजनों से संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं है।
पूर्व में अपनाई जा रही प्रक्रिया के अनुसार जिस जन्म या मृत्यु के प्रकरण का 30 दिवस के भीतर किसी कारण से पंजीयन नहीं कराया गया था उसके पंजीयन के लिए संबंधित रजिस्ट्रार से अनुपलब्धता प्रमाण प्राप्त करने के बाद एक साल के भीतर जिला रजिस्ट्रार अथवा एक साल से अधिक समय होने पर तहसीलदार से अनुज्ञा प्राप्त करने के बाद पुनः संबंधित रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुत करने पर प्रकरण का पंजीयन कर प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
छतीसगढ़ के मुख्य रजिस्ट्रार एवं संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा जारी नए निर्देश के अनुसार अब इस प्रकार के विलंबित पंजीयन के लिए नगरीय क्षेत्र के लोग अपने नगर पालिका अथवा नगर पंचायत में और ग्रामीण क्षेत्र के लोग ग्राम पंचायत में शपथ पत्र जमा करेंगे। रजिस्ट्रार द्वारा अनुपलब्धता प्रमाण पत्र तथा सत्यापन प्रतिवेदन के साथ सक्षम अधिकारी को भेज कर अनुज्ञा प्राप्त करेंगे। और इस आधार पर पंजीयन कर प्रमाण जारी किया जावेगा।
1 जनवरी 2008 के पूर्व के जन्म-मृत्यु संबंधी अभिलेख, जिला रजिस्ट्रार कार्यालय, कलेक्ट्रेट भवन कवर्धा में उपलब्ध है। इसके बाद के लिए ग्राम पंचायत कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। सितम्बर 2014 के बाद यदि किसी सरकारी अस्पताल में जन्म या मृत्यु हुई है तो संबंधित अस्पताल से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है।