सीजी क्रांति/खैरागढ़। एक ही कतार में जलती ये पांच चिताएं एक ही परिवार के है। इनमें तीन बेटियां और माता—पिता शामिल है। इनकी गुरूवार देर रात एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई थी। पांचों हादसे के बाद कार में लगी आग की चपेट में आकर जिंदा जल गए थे। जिनका राजनांदगांव में पोस्टमार्टम होने के बाद खैरागढ़ के दाउचौरा स्थित जैन मुक्तिधाम में पांचों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
मुक्तिधाम में एक साथ जलते एक ही परिवार के पांच लोगों के चिताओं की आग चंद घंटों में ही ठंडी हो जाएगी। लेकिन माता—पिता और तीन बहानों को खोने के बाद उन चार बेटियों के दिल में उठे गमों के उन शोलों की आग आखिर कब बुझेगी, यह कह पाना मुश्किल है। बहनों और माता—पिता के शवों को देखकर उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था। उनकी चित्कारों से पूरा शहर मानों दहल उठा।
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यह ऐसी ह्दय विदारक घटना थी, जिसमें शवों के न शक्ल और न ही ठीक से शरीर की पहचान हो पा रही थी। हादसे की भयावह तस्वीरों के साथ कोचर परिवार और जैन समुदाय के अलावा शहर में हर किसी के आंख नम थे। यहीं वजह है कि उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी..इस तरह देखते ही देखते ही सुभाष कोचर, उनकी पत्नी कांतिदेवी, बेटियां भावना, वृद्धि और पूजा पंच तत्व में विलीन हो गए।
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